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60 वर्षों से माता भक्त निभा रहे परंपरा

नवादा, नगर : नगर के पार नवादा स्थित देवी स्थान में स्थापित होने वाली मां दुर्गा की प्रतिमा को कंधे पर उठाकर युवाओं की टाेली विभिन्न मुहल्लों में घूमती है. इसके बाद प्रतिमा को विसर्जन के लिए ले जाया जाता है. मां लक्ष्मी दुर्गा पूजा समिति द्वारा यह परंपरा 60 सालों से निभाया जा रहा […]

नवादा, नगर : नगर के पार नवादा स्थित देवी स्थान में स्थापित होने वाली मां दुर्गा की प्रतिमा को कंधे पर उठाकर युवाओं की टाेली विभिन्न मुहल्लों में घूमती है. इसके बाद प्रतिमा को विसर्जन के लिए ले जाया जाता है. मां लक्ष्मी दुर्गा पूजा समिति द्वारा यह परंपरा 60 सालों से निभाया जा रहा है.
आधुनिकता की चकाचौंध में जहां भक्ति गीत की धुनों पर ट्रक या अन्य वाहनों से प्रतिमा को विर्सजन के लिए ले जाने की व्यवस्था है, वहीं आज भी देवी स्थान की पूजा कमेटी अपनी परंपरा को निभा रहा है. प्रतिमा को पालकी की तरह सजाकर मुहल्ले के सैकड़ों युवा उसे अपने कंधे पर उठाकर विभिन्न गलियों से गुजरते हैं और शोभनाथ तालाब में प्रतिमा का विर्सजन करते हैं. इस दौरान माता की प्रतिमा जिस घर के आगे से गुजरती है, महिलाएं थाल में माता का खोइंचा भरने का सामान लेकर निकल जाती हैं. साथ में चल रहे ब्राह्मण विधिवत पूजा करवाते हैं.
क्षेत्र भर के लोग लेते हैं हिस्सा
मां की विदाई के समय प्रतिमा को कंधा लगाने के लिए आसपास के श्रद्धालु जमा होते हैं. पारंपरिक ढाक, बैंजों, बैंड आदि की धुनों के बीच माता के जयकारे लगाते हुए देवी स्थान से निकलने शोभा यात्रा लाला टोली, नौआ टोली, मधुवन बाड़ा, नीम टोला, डोभरा पर, तेली टोला बुंदेलखंड से होते हुए रेलवे क्रॉसिंग, मिरदाटोली के बाद रजौली बस स्टैंड तक जाता है. माता के जयकारे से माहौल भक्ति के रंग मे डूब जाता है. प्रतिमा को कंधे पर लेने की होड़ साफ तौर से दिखती है.
बुंदेलखंड की प्रतिमा से होता है मिलन
माता की प्रतिमा जब बुंदेलखंड के पास पहुंचती है, तो वहां पहले से तैयार खड़े लोग बुंदेलखंड की प्रतिमा को देवी स्थान के दुर्गा जी के साथ लेकर चलते हैं. तेली टोला के मंदिर के पास दोनों कमेटी के लोग इकट्ठा होते हैं और इसके बाद बुंदेलखंड थाना के पास रुकने के बाद देवी स्थान की प्रतिमा आगे बढ़ जाती है. 1956 से इस परंपरा का निर्वहन किया जा रहा है. हालांकि, पूजा समिति में नये कार्यकारिणी के लोग बदलते रहते हैं, लेकिन विर्सजन की यह परंपरा इस पूरे क्षेत्र के लिए एक उदाहरण बनी रहती है.
समाज के हर वर्ग का मिलता है सहयोग
माता की प्रतिमा को कंधे पर रखकर वसर्जन के लिए ले जाने में सभी वर्ग के लोग बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते हैं. समाज के हर वर्ग का इस कार्यक्रम में सहयोग मिलता है. क्या बड़ा क्या छोटा सभी मिलकर माता की प्रतिमा को आगे बढ़ाने में अपनी भूमिका निभाते दिखते हैं.
कार्यकर्ताओं का रहता है पूरा सहयोग
मां लक्ष्मी दुर्गापूजा समिति की प्रतिमा को सुरक्षा देने के लिए पुलिस बल के साथ ही मजिस्ट्रेट तथा नगर पूजा समिति के सदस्य भी जुटे दिखे. पूजा समिति के सत्येंद्र प्रसाद, विजय आर्य, विवेक कुमार, मिट्ठु जी, धर्मेन्द्र गुप्ता धरम, राहुल कुमार, वेदानंद, गोपाल कुमार, पप्पु कुमार आदि सक्रिय रूप से जुटे हुए थे. कार्यकर्ताओं के पूरे सहयोग से यह आयोजन सफल होता है.

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