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कहीं कबाड़, तो कहीं फैला कूड़ा-कचरा
लापरवाही. प्रधानमंत्री के सफाई अभियान को नवादा रेलवे स्टेशन पर नहीं मिल रही गति नवादा रेलवे स्टेशन के प्लेटफाॅर्मों व पटरियों पर गंदगी से यात्रियों को काफी परेशानी हो रही है. ऐसे सफाई व्यवस्था बहाल रखने के लिए तो स्टेशन पर तरह-तरह के स्लोगन लगाये गये हैं, लेकिन इसका पालन न तो यात्री करते हैं […]
लापरवाही. प्रधानमंत्री के सफाई अभियान को नवादा रेलवे स्टेशन पर नहीं मिल रही गति
नवादा रेलवे स्टेशन के प्लेटफाॅर्मों व पटरियों पर गंदगी से यात्रियों को काफी परेशानी हो रही है. ऐसे सफाई व्यवस्था बहाल रखने के लिए तो स्टेशन पर तरह-तरह के स्लोगन लगाये गये हैं, लेकिन इसका पालन न तो यात्री करते हैं न ही रेल प्रबंधन.
नवादा (सदर) : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से दो अक्तूबर 2014 से शुरू किये गये सफाई अभियान को नवादा में गति नहीं मिल रही है. केंद्र सरकार के अधीन काम करनेवाले रेलवे मंत्रालय भी सफाई अभियान में रुचि नहीं दिखा रही है, जिसके फलस्वरूप रेलवे प्लेटफाॅर्म के साथ ही रेल की पटरियों पर गंदगी का आलम देखने को मिल रहा है.
सफाई व्यवस्था दुरुस्त नहीं रहने के कारण यात्रियों को गंदगी के बीच ही यात्रा करना पड़ता है. नवादा के रेलवे स्टेशन के दोनों प्लेटफाॅर्मों पर ट्रेनों के इंतजार में घंटों बैठनेवाले यात्री अब इसे अपनी नियति मान चुके हैं. कहने को तो स्टेशन परिसर में सफाई व्यवस्था बहाल रखने को लेकर तरह-तरह के स्लोगन लगाये गये हैं. लेकिन इसका पालन न तो यात्री करते हैं और न ही रेल प्रबंधन.
सफाई कर्मचारियों की कमी से चरमरायी सफाई व्यवस्था : स्टेशन परिसर की सफाई के लिए तीन वर्ष पूर्व तक दानापुर रेल मंडल की ओर से निविदा आमंत्रित कर सफाई का ठेका दिया जाता था. परंतु पिछते तीन साल से सफाई के लिए ठेका नहीं होने के कारण स्टेशन की सफाई व्यवस्था चरमरा गयी है. बाहर के दो तीन सफाई कर्मचारियों के भरोसे पूरे स्टेशन परिसर छोड़ दिये जाने के बाद सफाई का हाल क्या होगा इसका अंदाजा स्वयं लगाया जा सकता है.
ठेका प्रथा में दिये जाने के बाद 10 से 12 सफाई कर्मचारी हमेशा स्टेशन पर झाड़ू लगाते देखे जाते थे. प्लेटफाॅर्म के साथ ही सफाई कर्मचारी रेल की पटरियों की भी सफाई करते थे. स्टेशन पर प्लेटफाॅर्म नंबर एक व दो पर हमेशा गंदगी का अंबार लगा रहता हैं. नियमित सफाई नहीं होने के कारण यात्रियों को काफी परेशानी होती हैं. गंदगी के ढ़ेर से निकलती दुर्गंध से स्टेशन परिसर में बैठना भी मुश्किल हो जाता है.
गंदगी के लिए दुकानदार भी हैं जिम्मेवार
स्टेशन परिसर में गंदगी के लिए स्टेशन में अनधिकृत रूप से दुकान, ठेला लगानेवाले दुकानदार भी कम जिम्मेवार नहीं हैं. ठेले-खोमचा के साथ ही केले का छिलका भी गंदगी व दुर्गंध फैलान में सहायक हो रहे हैं.
दुकानदारों द्वारा अपने आस-पास सफाई कर गंदगी को प्लेटफाॅर्म पर ही छोड़ दिया जाता है. हालात है है कि प्रतीक्षालय में बैठनेवाले यात्री भी गंदगी के बीच बैठे रहते हैं. स्टेशन परिसर में कूड़ेदानी नहीं लगाये जाने के फलस्वरुप प्लेटफाॅर्म के बाद रेल पटरियों पर भी गंदगी फैली रहती है. पेयजल वाले स्थल के पास भी गंदगी फैली हुई है. नवादा स्टेशन के मुख्य द्वार पर भी गंदगी का ढेर यात्रियों का स्वागत करता है.
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