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वोट लेनेवाले वादे भूले
समस्या. पकरीबरावां की ढोढ़ा पंचायत में सुविधाओं की सुध नहीं पंचायत चुनाव की सरगरमी तेज होते ही गांव-गांव में वोट मांगने के लिए प्रत्याशी पहुंचने लगे हैं. विकास करने के वादे कर रहे हैं. पर, जनता पहले के किये वादे अब तक नहीं होने का याद दिला रहे हैं. साथ ही क्षेत्र के विकास का […]
समस्या. पकरीबरावां की ढोढ़ा पंचायत में सुविधाओं की सुध नहीं
पंचायत चुनाव की सरगरमी तेज होते ही गांव-गांव में वोट मांगने के लिए प्रत्याशी पहुंचने लगे हैं. विकास करने के वादे कर रहे हैं. पर, जनता पहले के किये वादे अब तक नहीं होने का याद दिला रहे हैं. साथ ही क्षेत्र के विकास का हिसाब भी मांग रहे हैं.
पकरीबरावां : पकरीबरावां प्रखंड की ढोढ़ा पंचायत के कई गांव अब भी मूलभूत सुविधा के लिए तरस रहे हैं. कई टोलों में न तो शिक्षा की समुचित व्यवस्था है और न ही स्वास्थ्य सुविधाएं. पंचायत के लोग जनप्रतिनिधियों व सामाजिक सेवा का दंभ भरनेवाले लोगों की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं.
ढोढा पंचायत के लोग किसी तारणहार का इंतजार कर रहे हैं. जनता को विकास का सपना दिखने वालों को वादे तक याद नहीं है. पंचायत चुनाव की सरगरमी तेज होते ही गांव-गांव वोट मांगनेवालों से जनता हिसाब मांग रही है.
वर्ष 2011 की जनगणना के मुताबिक ढोढा पंचायत की कुल आबादी 10 हजार 348 है. इसमें महादलितों की संख्या दो हजार 390 बतायी जाती है़ कुल वोटरों की संख्या सात हजार 620 है.
इनमें पुरुषों 4050 व महिलाएं 3568 है़ ढोढा पंचायत में धरहरा, दुर्गापुर, रेहड़ी, दुलारपुर, बेलाबाद, लक्ष्मीपुर व रेबार समेत आठ टोले हैं. इनमें दुलारपुर, लक्ष्मीपुर व बेलाबाद गांव में शिक्षा का कोई साधन नहीं है. दुर्गापुर व रेहड़ी गांव में शिक्षा के नाम पर सिर्फ एक प्राथमिक विद्यालय है़ धरहरा व रेबार गांव में उत्क्रमित मध्य विद्यालय है. उच्च शिक्षा की बात की जाये तो महंत गणेश दा पुरी उच्च विद्यालय ढोढा में मात्र दो ही कमरे हैं. इसमें एक कमरे का उपयोग कार्यालय के रूप में किया जाता है़ भवन के निर्माण नहीं होने से इन सभी गांवों के बच्चों को उच्चतर शिक्षा पाने के लिए काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है़
किसानों के समक्ष भी कम नहीं परेशानी
ढोढा पंचायत में एक पइन है. इससे धरहरा, बेलाबाद, दुर्गापुर के किसान लाभन्वित हो रहे थे. पइन के भर जाने से किसानों को सही ढंग से सिंचाई के लिए पानी नहीं मिल पाता है. इससे किसानों को काफी मशक्कत झेलनी पड़ती है़. कुछ लोग बताते हैं कि धरहरा (नवादा) से बारना (शेखपुरा) को पुल बना कर जोड़ा जा रहा था, लेकिन कुछ वजह के कारण पुल का निर्माण नहीं हो सकी. कच्ची सड़क पर चल कर लोग आते-जाते हैं.
कई गांवों में अब तक पक्की सड़कों का निर्माण नहीं हुआ है़ धरहरा व दुर्गापुर के ग्रामीण बताते हैं कि चुनाव होने के पूर्व प्रत्याशी लोगों से संपर्क के दौरान सड़क बनवाने का वादा तो करते हैं लेकिन वादे सिर्फ वादे ही रह जाते हैं. इसके कारण अब तक सड़क का निर्माण नहीं हो सका है. कुल मिला कर ढोढा पंचायत के विभिन्न टोले में शिक्षा का घोर अभाव है.
क्या कहते हैं ग्रामीण
गांव में रोड का अभाव है़ चुनाव से पूर्व प्रत्याशी रोड बनवाने का वादा करते हैं, लेकिन चुनाव खत्म होते ही ग्रामीण को दिये वादे टूट जाते हैं. पक्की सड़क नहीं होने के कारण बरसात में ग्रामीणों को काफी परेशानी होती है.
मोहम्मद मुसलिम वारसी, धरहरा
गांव में मात्र एक प्राथमिक विद्यालय हैं. वहां भी ढंग से बच्चों को शिक्षा नहीं मिल पाती है. न ही सही ढंग से मध्याह्न भोजन दिया जाता है. अगर जनप्रतिनिधि इस पर ध्यान दें तो शिक्षा व मध्याह्न भोजन सही ढंग से मिल पायेगा.
राजेंद्र चौहान, दुर्गापुर
हमारे गांव में शिक्षा का घोर अभाव है. कोई विद्यालय नहीं है़ न ही प्राथमिक विद्यालय व न ही मध्य विद्यालय. इस गांव पर किसी का ध्यान नहीं है. सरकार को इस गांव पर ध्यान देने की जरूरत है
मनोज चौहान, दुलारपुर
हमारे गांव में उच्चतर शिक्षण संस्थान के नाम पर एक उच्च विद्यालय है़ यहां भवन का निर्माण अब तक नहीं हो सका है़ उच्च विद्यालय में मात्र दो ही कमरे हैं, जिसमें एक कमरे का उपयोग ऑफिस के रूप में किया जाता है. इससे बच्चों को सही रूप से उच्च शिक्षा नहीं मिल पाता है.
हरेंद्र यादव, ढोढा
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