जंग खा रही सूत मिल की मशीनेंजयप्रकाश नारायण ने स्थापित किया था खादी ग्राम निर्माण मंडल काशीचक. लोकनायक जयप्रकाश नारायण द्वारा स्थापित खादी ग्राम निर्माण मंडल की स्थिति पहले जैसी नहीं रही. यहां का खादी भंडार (सूत मिल) अपने अस्तित्व पर रो रहा है. कभी गरीबों को घरेलू रोजगार उपलब्ध कराने वाला खादी भंडार अब विरान हो गया है. इस सूत मिल को बचाने के लिए न तो प्रशासन ही आगे आ रहा है और न ही जनप्रतिनिधि खड़े हो रहे हैं. सरकार गरीबों के उत्थान के लिए कई योजनाओं को चालू कर गरीवों को रोजगार उपलब्ध कराने का दावा कर रही है. लेकिन यहां की बंद पड़ी मशीनें जंग खाकर अपने पुराने अस्तित्व को खो रही हैं. वर्षों पहले महिलाएं घरेलू कार्य निबटाने के बाद घर के दरवाजों पर सखियों के साथ बैठ सुख-दुख की चर्चा करते हुए सुत काटती थी. प्रखंड में सिरारी, लखीसराय, रामपुर, जमालपुर के करीब एक हजार लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने वाली इस संस्था के कर्मचारी के भी अब वेतन के लाले पड़ रहे हैं. सबसे बड़ी समस्या संस्था से जुड़े कर्मियों के दो वक्त की रोटी के जुगाड़ करने की है. क्योंकि, इन कर्मियों को वेतन संस्थान से खादी की होने वाली बिक्री से होता है. इस खादी भंडार अपने संस्थान को भरपूर लाभ दिलाने के आलावा क्षेत्रवासियों को रोजगार सृजन में इसकी अहम भूमिका थी. लेकिन चरखा भी इतिहास बन कर रह गया है.
जंग खा रही सूत मिल की मशीनें
जंग खा रही सूत मिल की मशीनेंजयप्रकाश नारायण ने स्थापित किया था खादी ग्राम निर्माण मंडल काशीचक. लोकनायक जयप्रकाश नारायण द्वारा स्थापित खादी ग्राम निर्माण मंडल की स्थिति पहले जैसी नहीं रही. यहां का खादी भंडार (सूत मिल) अपने अस्तित्व पर रो रहा है. कभी गरीबों को घरेलू रोजगार उपलब्ध कराने वाला खादी भंडार अब […]
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