12.5 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

जीवन से ज्यादा शौक को तरजीह देने में तबाह हो रही युवाओं की जिंदगी

तंबाकू व सिगरेट जैसे मादक पदार्थों से सेहत पर पड़ रहा बुरा असर सदर अस्पताल में धूम्रपान के शिकार लोगों का नहीं है कोई आंकड़ा नवादा : धूम्रपान स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है, यह हर लोग जानते हैं, बावजूद लोग इस लत का शिकार जानबूझ कर हो रहे हैं. पिछले ढाई सालों से बिहार […]

तंबाकू व सिगरेट जैसे मादक पदार्थों से सेहत पर पड़ रहा बुरा असर

सदर अस्पताल में धूम्रपान के शिकार लोगों का नहीं है कोई आंकड़ा
नवादा : धूम्रपान स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है, यह हर लोग जानते हैं, बावजूद लोग इस लत का शिकार जानबूझ कर हो रहे हैं. पिछले ढाई सालों से बिहार में शराबबंदी लागू है फिर भी शराब की बिक्री हो रही है. लेकिन, जिस स्तर से धूम्रपान सेहत को नुकसान पहुंचा रहा है, शायद उतना शराब से नुकसान नहीं होता होगा. शराब पीनेवाले अधिक से अधिक नशे में बेहोश होने तक ही शराब पी सकता है. परंतु, धूम्रपान एक ऐसी लत है, जो लोग दिन-रात इस शिकार होते हैं़ इसमें कोई लिमिट नहीं है. यही वजह है कि इसका असर इंसानों को मौत के मुंह में सीधा धकेल दे रहा है. यहां धूम्रपान करने की लत भी लोगों में अजीब है. तंबाकू के अलावा सिगरेट एक शौक बन गया है. लेकिन, नाबालिग बच्चों के अंदर जो धूम्रपान सेवन का शौक चढ़ा है, वह रोंगटे खड़े कर देने जैसा है.
हाल यह है कि करीब 10 से 15 वर्ष के बीच के बच्चे धूम्रपान सेवन में बड़ों को भी दो कदम पीछे छोड़ रहे हैं़ ये बच्चे पान मसाला व तंबाकू के अलावा बाॅनफिक्स का इस्तेमाल कर रहे हैं. इससे उनकी बढ़ती उम्र पर घातक असर पड़ सकता है़ हालांकि सरकार इसके लिए जागरूकता कार्यक्रम तो चला रही है, पर इसकी रोकथाम के लिए शराब से ज्यादा सख्त कानून बनाने की जरूरत है. तभी आने वाली पीढ़ी बच पायेगी. शहर के निजी चिकित्सालयों में आये दिन इस तरह के मरीजों का आना होता है. लेकिन, सदर अस्पताल में ऐसे किसी प्रकार का कोई रिकाॅर्ड नहीं रहने से इससे ग्रसित होने वालों की सूची नहीं मिल पा रही है.
धूम्रपान व रंग-रूप
सिगरेट में मौजूद विषैले तत्वों के कारण धूम्रपान करने से त्वचा में झुर्रियां होने लगती हैं और समय से पहले बूढ़ा दिखने लगते हैं. अत्यधिक धूम्रपान के कारण, हमारा शरीर त्वचा को ऑक्सीजन की आपूर्ति बंद कर देता है और इसलिए, हमारी त्वचा नीरस और बेजान हो जाती है. धूम्रपान नहीं करनेवाली महिलाओं की तुलना में धूम्रपान करनेवाली महिला को गंभीर स्वास्थ्य स्थितियों का सामना करना पड़ता है, खासकर गर्भधारण करने पर मां को धूम्रपान के कारण गर्भस्राव, समय से पहले प्रसव या मृत बच्चा पैदा हो सकता है. धूम्रपान से बच्चे का स्वास्थ्य भी प्रभावित होता है, बच्चा कम या ज्यादा वजन का हो सकता है और उसे मधुमेह, अस्थमा का खतरा रहता है़ बीमारियों से बचने के लिए जरूरी है कि नशे की लत से दूर रहें.
नशे की लत और प्रजनन क्षमता
धूम्रपान प्रजनन प्रणाली को बुरी तरह प्रभावित करता है. यह पुरुषों में इन्फर्टिलिटी का यह मुख्य कारण है और इससे नपुंसकता का खतरा बढ़ जाता है. धूम्रपान करने से शुक्राणु का उत्पादन कम होता है और आप जितना अधिक धुम्रपान करते हैं आपमें उतना ही अधिक इन्फर्टिलिटी की संभावना विकसित होती है. निकोटीन पुरुषों के एथेरोस्क्लेरोसिस में योगदान देता है, जो धमनियों को कठोर बना देता है, जिसके कारण, धमनियां प्रजनन अंगों को पर्याप्त रक्त प्रदान नहीं कर पाता है, जो उनके समुचित कार्य और नियमित विकास को रोकती हैं.
रक्तचाप या हर्ट स्ट्रोक की हो सकती है समस्या
धूम्रपान हृदय संबंधी बीमारियों जैसे दिल का दौरा, हृदय-धमनी रोग का मुख्य कारण है जो किसी व्यक्ति को जीवन के प्रत्येक कदम पर प्रभावित करता है. हृदय की बीमारी से होनेवाली लगभग 20 मौतों का कारण धूम्रपान की लत होता है. धूम्रपान के कारण हृदय में जमा निकोटिन रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाता है, और कुछ हिस्सों में उन्हें मोटा और संकरा बनाता है, जिससे रक्तचाप और अस्थिर रक्तचाप बढ़ जाता है. इस प्रकार, स्ट्रोक का खतरा अधिक हो जाता है.तंबाकू के धुएं के संपर्क में आने पर धूम्रपान करने वालों या धूम्रपान नहीं करनेवाले दोनों में हृदय-धमनी रोग का विकास हो सकता है. इसलिए, जब आप धूम्रपान करते हैं, तो याद रखें, इससे न केवल आपका स्वास्थ्य प्रभावित होता है, बल्कि आपके आस-पास के लोगों पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है.
धूम्रपान और आपके मुंह का स्वास्थ्य
तंबाकू का सेवन विभिन्न दंत समस्याओं को दावत देता है. सांसों में बदबू, दांतो में कैविटी या दांतों का रंग खराब होने जैसी सामान्य स्थिति से लेकर बदतर स्थिति जैसे मसूढ़े की बीमारी, लार ग्रंथी में सूजन, जबड़े की अस्थि के घनत्व में कमी आदि समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. तंबाकू के सेवन से दांतों का संक्रमण और दांत दर्द भी हो सकता है, जिससे दांत निकलवाने की नौबत आ सकती है, या ल्यूकोप्लाकिया के विकास की उच्च संभावनाएं होती हैं, जो मुंह में सफेद धब्बे का कारण होता है. तंबाकू की लत नहीं छूटी, तो उच्च रक्तचाप हृदय को कमजोर हो सकता है़ इससे बचने के लिए धूम्रपान से दूरी बनाना ही विकल्प है.
आंत में जलन व सूजन का होगा अनुभव
अत्यधिक सिगरेट पीने से, आप पेट और आंत में क्रमशः जलन और सूजन का अनुभव कर सकते हैं, जिससे पाचन तंत्र में अल्सर हो सकता है. अध्ययनों से पता चलता है कि धूम्रपान नहीं करनेवालों के मुकाबले धूम्रपान करनेवाले ज्यादा पेट और आंत के कैंसर से ग्रस्त होते हैं. तंबाकू में मौजूद निकोटिन के कारण गंभीर पाचन समस्या हो जाती है जिसे रिफलेक्स ऑफ एसिड कहा जाता है, जिससे पेट की मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं, परिणाम स्वरूप समग्र पाचन तंत्र में असंतुलन बना रहता है.
मुंह, दांत व गले के विशेषज्ञ डाॅ रमेश कुमार और सदर अस्पताल के जेनरल फिजिशियन डाॅ प्रभाकर सिंह बताते हैं कि धूम्रपान सेवन पर रोक के लिए केवल जागरूकता कार्यक्रम से काम नहीं चलेगा़ इसके लिए शराबबंदी की तरह सख्त कानून लागू करना होगा. उन्होंने यहां धूम्रपान के सात हानिकारक प्रभाव के बारे में बताया, जो गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकते हैं.
धूम्रपान और रक्त परिसंचरण
धूम्रपान रक्त परिसंचरण को भी प्रभावित करता है़ जब आप धूम्रपान करते हैं, तो विषाक्त पदार्थ आपके रक्त में प्रवेश करते हैं और रक्त कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं. यह ब्लड कैंसर का कारण भी हो सकता है. खून मोटा हो जाता है और थक्के बनाने की संभावनाएं अधिक होती हैं. इसके बाद, जल्द ही धमनियां संकीर्ण हो जाती हैं, जिससे शरीर के हृदय, मस्तिष्क और अन्य अंगों में अपर्याप्त ऑक्सीजन की आपूर्ति होती है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें