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जीएसटी नंबर के लिए मांगे जा रहे 10 हजार रुपये!

वाणिज्य कर आयुक्त, एसपी व निगरानी को व्यापारियों ने आवेदन देकर रखा पक्ष नवादा नगर : सेल टैक्स ऑफिस में गुरुवार को हुई तोड़-फोड़ व मारपीट की घटना में व्यापारियों की ओर से आरोप लगाया गया है कि विभाग के अधिकारी द्वारा जीएसटी नंबर लेने के एवज में 10 हजार रुपये की मांग की जा […]

वाणिज्य कर आयुक्त, एसपी व निगरानी को व्यापारियों ने आवेदन देकर रखा पक्ष
नवादा नगर : सेल टैक्स ऑफिस में गुरुवार को हुई तोड़-फोड़ व मारपीट की घटना में व्यापारियों की ओर से आरोप लगाया गया है कि विभाग के अधिकारी द्वारा जीएसटी नंबर लेने के एवज में 10 हजार रुपये की मांग की जा रही थी. जब व्यापारियों ने विरोध किया, तो मुकदमें में फंसाने की कोशिश की गयी है.
जिला खाद्यान्न व्यापारी संघ के अध्यक्ष अंबिका प्रसाद ने राज्य वाणिज्य कर आयुक्त, एसपी व निगरानी थाने में आवेदन देकर मामले की जांच करने का अनुरोध किया है. आवेदक अंबिका प्रसाद ने कहा कि जिला वाणिज्य कर के पदाधिकारी रवींद्र कुमार द्वारा रिश्वत की मांग की जा रही थी. जब इसका विरोध किया गया, तो मारने-पीटने, रुपये छीनने और धमकी दी गयी. सरकार द्वारा लागू किये जा रहे जीएसटी बिल व नंबर लेने के लिए कई व्यापारी कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं. जीएसटी की जानकारी लेने के लिए लोग जाते हैं, तो उनके साथ अभद्र व्यवहार किया जा रहा है. शुक्रवार को जीएसटी की जानकारी व नंबर लेने के लिए सीमेंट व्यवसायी रवि गुप्ता, प्रभु साव, मुन्ना कुमार, अमन राज, मनोज कुमार, विक्की कुमार, पप्पू कुमार गुप्ता, संजय कुमार, विनय सिंह सहित कई अन्य व्यवसायी भी गये हुए थे.
बकाया भुगतान को िदया था नोटिस सीमेंट एजेंसी आरजी कॉरपोरेशन को प्रोसेस संख्या 317 दिनांक 19 जून के माध्यम से पत्र देकर बकाये वैट टैक्स जमा करने का नोटिस दिया गया था. पत्र में कहा गया था कि दो लाख रुपये का चेक संख्या 318290 दिनांक 12-5-17 व पांच लाख रुपये का चेक संख्या 318291 सभी स्टेट बैंक में बाउंस हुआ है. इसके जवाब में व्यापारी रवि गुप्ता द्वारा 20 जून को स्पष्टीकरण देते हुए अपना पक्ष रखा गया था.
इसमें कहा था कि दो लाख रुपये का चेक 12-5-17 को बाउंस होने की बात कही जा रही है, जबकि उस समय खाते में पैसा उपलब्ध था. पांच लाख रुपये का चेक 30-5-17 की तिथि में भर कर जमा करने के लिए कहा गया था, लेकिन 18-5-17 को बैंक में जमा कर बाउंस करवाया गया है. दो लाख रुपये अब भी खाते में हैं. पांच लाख रुपये का टैक्स जमा करने के लिए 15 दिनों का समय दिया जाये.
क्या कहते हैं अधिकारी
व्यापारी अंबिका प्रसाद व रवि गुप्ता के द्वारा नोटिस के जवाब दिये जाने के बाद विभाग द्वारा कोई दूसरा नोटिस नहीं दिया गया है. विभाग के द्वारा बकाये टैक्स की मांग करना सरकारी प्रक्रिया है. घटना के दिन वह नहीं थे. रिश्वत मांगे जाने को लेकर क्या बात है, इसके बारे में कुछ नहीं पता.
आदित्य नारायण, वाणिज्य कर उपायुक्त

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