राजगीर : अंतरराष्ट्रीय नालंदा विश्वविद्यालय मे चल रही पढ़ाई के बीच रिसर्च के हिसाब से यहां के छात्र छात्राओं ने विवि के उद्देश्यों में अपनी रचनात्मकता को प्रदर्शन का आगाज प्रोजेक्ट अन्वेशा के माध्यम से कर दिया है.
जिसमे प्रोजेक्ट अन्वेशा के इंचार्ज अविनाश मोहंती सहित इस प्रोजे्क्ट टीम ने विवि के प्रथम दीक्षांत समारोह के उपरान्त एक ऐसे नए आयाम की प्रस्तुति की है. जिसके माध्यम से भौतिक युग के सभी ऐसे निर्रथक एवं बेकार जा रहे उन उर्जा तत्व को संकलित रुप देकर उससे विद्युत सृजन कर प्रयोग करने के लिए सीमित संसाधनों मे कामयाबी हासिल करना एक उपलब्धि के समान है. इंचार्ज अविनाश मोहंती ने बताया कि जब वो 2001 मे विवि की पढाई के लिए राजगीर रेलवे स्टेशन पहुंचा तो टांगे की सवारी के माध्यम से विवि पहुंचा.
इस दौरान मैंने महसूस किया था कि राजगीर के प्रतीक के रुप में यह यहां का पारंपरिक सवारी है. जिसके दौड़ते पहिये मे काफी दम व उर्जा भरी है. बस मैंने उसी समय इस पर सोचना शुरु कर दिया.
जिसे मैंने अपने सहपाठियों को भी बताया. मोहंति हर्षित होते हुए आगे बताया कि अपने अन्वेशा टीम के सभी सदस्यों मे शामिल अंकित सिंह चौहान, हिमानी सैनी, तनु श्री मुंद्रा, अनिल झा, अनुरोध सचदेवा, रश्मि सोनिया शर्मा, निक्की झा ने इस प्रोजेक्ट को अन्वेशा की उपाधि देकर रिसर्च प्रारंभ कर दिया. इसके पूर्व भी इस प्रोजे्क्ट के माध्यम से टांगा गाड़ी के पहिये के उर्जा को डायनामो के माध्यम से विद्युत मे परिवर्तित करने का कार्यक्रम का प्रदर्शन किया जा चुका है. जिसमे टांगा गाड़ी के पहिये मे विद्युत उत्पादन के लिए डायनामो शेफ गियर इनपुट किया जाता है. उन्होंने बताया कि दलाई लामा फेलोशिप के तहत पुरे 34 देशों के प्रोजेक्ट मे हमारे इस प्रोजेक्ट को सेलेक्ट किया गया जो कि एक उपलब्धि की बात है.
उन्होंने बताया कि बिजली उत्पादन के अलावे प्रोजेक्ट के अन्वेशा के पांच माड्युल क्रमश: कौशल विकास, खुले मे शौच समस्या का निदान, पशु कल्याण और संवेदीकरण व टांगा समुदाय के मध्य नैतिक जनप्रतिनिधियों के एक समुदाय का निर्माण का लक्ष्य है. उन्होंने जोर देते हुए कहा कि यह एक अनोखी पहल है अंतर्राष्ट्रीय नालंदा विश्वविद्यालय के छात्रों का जो विवि को अभी से ही एक नई ऊंचाई देने की दिशा मे कदम को आगे बढ़ा चुका है.