शीतलहर. ठंड में हीटर व ब्लोअर की मांग तेज, ग्रामीण क्षेत्रों में अलाव बना सहारा
Advertisement
पारा गिरा, कनकनी से जीना दुश्वार
शीतलहर. ठंड में हीटर व ब्लोअर की मांग तेज, ग्रामीण क्षेत्रों में अलाव बना सहारा न्यूनतम 11 डिग्री सेल्यिस रिकार्ड किया गया बिहारशरीफ : सर्दी का सितम शुरू हो गया है. दिन का तापमान बुधवार की अपेक्षा गुरुवार को अधिकतम तापमान दो डिग्री सेल्सियस के करीब कम हो गया है, जिससे लोग कांपने लगे है. […]
न्यूनतम 11 डिग्री सेल्यिस रिकार्ड किया गया
बिहारशरीफ : सर्दी का सितम शुरू हो गया है. दिन का तापमान बुधवार की अपेक्षा गुरुवार को अधिकतम तापमान दो डिग्री सेल्सियस के करीब कम हो गया है, जिससे लोग कांपने लगे है. वातावरण में ठिठुरन बढ़ गया है. जिसके कारण लोग चौक-चौराहें,नुक्कड़ पर व ऑफिस में आग लगाकर ठंड को भगाते देखे गये. ठंड से बचने के लिए लोग घरों में कैद हो गये है. घरों में भी हीटर,ब्लोअर व अलाव का सहारा लिया जा रहा है. पारा तेजी से लुढ़कता जा रहा है और शीतलहरी का प्रकोप तेज हो गया है. गुरुवार को न्यूनतम तापमान 11 डिग्री सेल्यिस रिकार्ड किया गया है. 65 साल से अधिक उम्र वाले लोग इस ठंड से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए.
सबसे ज्यादा परेशानी दोपहिया वाहनों के चालकों को हुई. स्कूली बच्चे भी ठंड से कांपते दिखे. हर किसी .को जुवां पर यहीं बात थी कि आज बड़ी ठंड है. हर कोई, चाहे छोटे हो या बड़ा गरम कपड़ों में लिपटा था. थर्मोकोट, जैकेट, गलब्स, टोपी,मफलर, इनर आदि पहने लोग सड़कों पर दिखे. गांव-कस्बों में जगह-जगह लोग पुआल व लकड़ी जलाकर तापते नजर आये. यहां तक की गौशालाओं में भी अलाव जलते दिखा. सर्दी व ठिठुरन को देखते हुए गरम कपड़ों की बिक्री अचानक बढ़ गयी है.
रेडिमेड दुकानदारों की मानें तो इस सीजन में पहली बार ठंड का इतना अहसास हुआ है. आने वाले दिनों में ठंड के और बढ़ने के आसार है. कुहासे ने ठंड को बढ़ाने के साथ ही जीवनचर्या की रफ्तार को थाम दिया है. ठंड से कांप रहे लोगों के लिए जिला प्रशासन द्वारा अब तक अलाव की व्यवस्था नहीं की गयी है.
ब्रेन स्ट्रोक व हार्ट- अटैक का खतरा बढ़ा: सर्दी बढ़ने के साथ ही ब्रेन स्ट्रोक व हार्ट अटैक का खतरा ब गया है. सर्दी के मौसम में 50 से उपर के उम्र के लोगों में ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है. बे्रन स्ट्रोक में दिमाग की नश अचानक काम करना बंद कर देता है, बोलने की क्षमता प्रभावित होती है, ब्लड प्रेशर व शुगर के मरीजों में आम लोगों की अपेक्षा यह खतरा ज्यादा रहता है.
शेखपुरा. जिले में ठंड का प्रकोप ने जनजीवन पर ब्रेक लगा दिया है. घने-कुहरा तथा तेज चल रही पछुआ हवा ने जीवन को ठहरा सा दिया है. शाम ढलते ही पूरा वातावरण कोहरे की चादर में लिपट जाने के बाद दोपहर बाद तक कोहरा घना शुरू होता है. इस कड़कड़ाती ठंड में सबसे ज्यादा प्रभाव सवेरे स्कूल जाने वाले बच्चों पर जा रहा है. हालांकि शिक्षा विभाग ने विद्यालय खुलने का समय 09 बजे कर दिया है, परंतु दोपहर तक वातावरण में ठिठुरन रहने के कारण बच्चों को होने वाली कठिनाई में कमी नहीं आ रही है. बच्चे और उसके अभिभावक ठंड को लेकर विद्यालय का समय कम से कम 10 बजे करने की गुहार लगा रहे हैं. उधर कड़कड़ाती ठंड के कारण जिले के सड़कों पर यातायात भी काफी कम हो गया है. लोग केवल आवश्यक कार्य से ही बाजार, कार्यालय या बैंक आ रहे हैं.
इस बीच ठंड के कारण खेती का काम भी ठहर सा गया है. धूप का दर्शन नहीं होने तथा ओस से पूरा भीगा रहने के कारण खेतों में धान की कटनी प्रभावित है. इसके अलावा खलिहान में लायी गयी धान की झरनी भी नहीं हो पायी है.
लोग रजाई, कंबल, स्वेटर, जैकेट में लिपटे घरों में दुबक कर रह गये हैं. बाजारों, बैंकों आदि में भी वीरानी देखी जा रही है. दोपहर के साथ वातावरण का तापमान गिर कर 24 डिग्री सेंटिग्रेड पर आ जाता है. घरों से बाहर निकलने के पहले लोगों को पूरी तैयारी करनी पड़ती है. स्वेटर, जैकेट, टोपी, मफलर से लैस होकर लोग घरों से बाहर निकल रहे हैं. ठंड की मार से व्यक्तियों के अलावा पशु-पक्षी भी परेशानी हो रही है. पिछले कई दिनों से लगातार तेज पछुआ हवा बहने के कारण ठंड का कहर कुछ ज्यादा ही दिख रहा हे. सभी अपने-अपने तरीके से इससे बचने का उपाय कर रहे हैं.
अलाव और राहत की मांग
शेखपुरा. कड़ाके की ठंड के बावजूद अलाव की व्यवस्था कर पाने में जहां जिला प्रशासन ने अभी तक कोई पहल अकादमी नहीं की है. वही इस पूरे मामले को लेकर सीपीआई ने जिला प्रशासन पर जमकर निशाना साधा है. सीपीआई के जिला सचिव प्रभात कुमार पांडे ने कहा कि इस कडाके की ठंड में जिंदगियां जहां ठहर सी गई है वही गरीबों का तो हाल पूरी तरह बेहाल है.
परंतु इसके बावजूद जिला प्रशासन अपनी कोई मुस्तैदी दिखाने में अभी तक नाकाम ही साबित है हुई है. उन्होंने जल्द से जल्द जिले के विभिन्न चौक चौराहों पर अलाव की व्यवस्था किए जाने के साथ-साथ जिले के विभिन्न क्षेत्रों में गरीबों के बीच बड़े पैमाने पर जिला प्रशासन द्वारा कंबल वितरण किए जाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि इस ठंढ में गरीबों की सहायता के लिए जिला प्रशासन द्वारा आवश्यक कदम उठाया जाना जरुरी है. अगर प्रशासन इस तरफ अपना मुंह मोड़ती है तो फिर पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा आंदोलन किया जाएगा.
तीन दिन से अधिक सर्दी रहने पर डाक्टर को दिखाएं
बेना. दिसंबर के पहले सप्ताह में ही कोहरे के कहर सेे आम जनजीवन प्रभावित हो गया है. सर्द हवाओं के साथ फैली कोहरे की चादर से मौसम ने अपना रूख पूरी तरह बदल लिया है. अचानक सर्द हवाओं और कोहरे के कारण ठंड से अपनी पांव फैला ली हैं. अचानक बढ़ी ठंड से लोग घरों में दुबकने लगे हैं. सुबह और शाम के वक्त लोगों के लिए घरों से निकलना मुश्किल हो गया है. घने कोहरे ने वाहनों की रफ्तार पर भी ब्रेक लगा दिया है. शाम ढ़लते ही घना कोहरा छाने की वजह से सड़के जल्दी ही सूनी पड़ जाती हैं. खासकर गरीब व मजदूर वर्ग के लोगों के लिए यह परेशानी का सबब बन गया है. अभी तक प्रशासनिक स्तर पर इस ठंड और कोहरे से निपटने के लिए कोई भी व्यवस्था शुरू नहीं हो पायी है.
ठंड के कपड़ों की बढ़ी डिमांड
अचानक बढ़ी ठंड से गर्म कपड़ों की बाजार में रौनक लौट आई है. प्रखंड के बाजारों में कपड़े की दुकानों में भीड़ बढ़ रही है. अचानक बढ़ी सर्दी ने भले ही लोगों परेशानियां बढ़ा रही है, लेकिन ठंड का इंतजार कर रहे व्यपारियों ने इससे राहत की सांस ली है
ठंड के लक्षण:
अचानक बुखार लगना
बार-बार छींक आना
स्वाद व सुंगध का अनुभव कम होना
बार-बार खांसी आना
गले से घरघराहट की आवाज
नाक बंद हो जाना
सिर में दर्द होना
बचाव के उपाय:
समय पर संतुलित भेजन लें
सौठ व काली मिर्च का प्रयोग करें
छींकते समय मुंह व नाक ढंके
अधिक पानी पीयें
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement