बिहारशरीफ : बिहारशरीफ व्यवहार न्यायालय के न्यायाधीश मानवेन्द्र मिश्र ने शुक्रवार को महिला थाना के प्रभारी से कोर्ट द्वारा भेजे गये परिवाद पत्र पर एफआईआर नहीं दर्ज करने को लेकर स्पष्टीकरण मांगी थी. इसके आलोक में शनिवार को महिला थानाध्यक्ष ने ढाई माह पहले कोर्ट से भेजे गये परिवाद पत्र पर एफआईआर दर्ज कर उसकी कापी न्यायालय को सौंप दी. साथ ही न्यायाधीश मानवेन्द्र मिश्र से मिलकर मौखिक रूप ऐसा भुल दोबारा नहीं करने की बात दोहराई और जल्द ही अंतिम प्रतिवेदन सौंपने का भी वादा की. कोर्ट सूत्रों के माने तो सरमेरा थाना क्षेत्र के हरियापुर गांव निवासी बालेश्वर चौधरी की पुत्री संजू देवी के दहेज प्रताड़ना से जुड़ा मामला है. वकील कौशलेन्द्र मोहन कुमार के माध्यम से कई माह पूर्व न्यायालय में परिवाद दायर किया था.
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महिला थानाध्यक्ष ने कोर्ट को सौंपी काॅपी
बिहारशरीफ : बिहारशरीफ व्यवहार न्यायालय के न्यायाधीश मानवेन्द्र मिश्र ने शुक्रवार को महिला थाना के प्रभारी से कोर्ट द्वारा भेजे गये परिवाद पत्र पर एफआईआर नहीं दर्ज करने को लेकर स्पष्टीकरण मांगी थी. इसके आलोक में शनिवार को महिला थानाध्यक्ष ने ढाई माह पहले कोर्ट से भेजे गये परिवाद पत्र पर एफआईआर दर्ज कर उसकी […]
जिसमें कहा गया था कि संजू ने अपने पति दीपनगर थाना क्षेत्र के ओकनावां गांव निवासी रणजीत चौधरी के अलावा तीन परिजन के खिलाफ उत्पीड़न का मुकदमा किया था. तत्कालीन न्यायाधीश राजीव कुमार द्विवेदी ने इस मामले में एफआईआर दर्ज करने की अनुशंसा के लिए महिला थाना को आदेश दिया था. कई बार रिमाइंडर के बाद भी न तो एफआईआर की गई और न ही इस संबंध में कोर्ट को कोई सूचना दी गई. जब न्यायाधीश श्री मिश्र ने संज्ञान में आते ही उन्होंने आश्चर्य व्यक्ते हुए कहा कि जब एफआईआर दर्ज करने में ही महीनों लगते हैं तो फिर जांच कब होगी और फैसला कब होगी. नतीजा न्यायाधीश श्री मिश्र ने महिला थाना प्रभारी से स्पष्टीकरण मांगी.
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