बिहारशरीफ : एमडीआर (टीबी) के मरीजों को बेहतर इलाज के लिए नवादा से बिहारशरीफ जिला यक्ष्मा केंद्र में आना पड़ रहा है. नवादा जिले में टीबी के एमडीआर के मरीजों की जांच व इलाज की सुविधा फिलहाल उपलब्ध नहीं रहने से जिला यक्ष्मा केंद्र, बिहारशरीफ इन दिनों आना पड़ रहा है.
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एमडीआर के मरीज इलाज के लिए आते हैं नवादा से बिहारशरीफ
बिहारशरीफ : एमडीआर (टीबी) के मरीजों को बेहतर इलाज के लिए नवादा से बिहारशरीफ जिला यक्ष्मा केंद्र में आना पड़ रहा है. नवादा जिले में टीबी के एमडीआर के मरीजों की जांच व इलाज की सुविधा फिलहाल उपलब्ध नहीं रहने से जिला यक्ष्मा केंद्र, बिहारशरीफ इन दिनों आना पड़ रहा है. जिला यक्ष्मा केन्द्र में […]
जिला यक्ष्मा केन्द्र में टीबी के मरीजों को बेहतर जांच व इलाज के लिए आधुनिक तरीके की सीबीनेट मशीन लगी हुई है. यह मशीन फिलहाल नवादा जिला यक्ष्मा केन्द्र में उपलब्ध नहीं है. लिहाजा टीबी के एमडीआर के मरीजों को बलगम की जांच के लिए बिहारशरीफ जिला यक्ष्मा केन्द्र में आना पड़ रहा है. जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डा. रवींद्र कुमार ने बताया कि नालंदा जिले के अलावा नवादा जिले के एमडीआर से पीडि़त मरीजों की सीबीनेट मशीन से जांच की जा रही है.
नवादा से आने वाले मरीजों के बलगम की जांच में यदि रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो संबंधित मरीजों का पंजीयन कर चिकित्सा सेवा भी उपलब्ध करायी जा रही है. एमडीआर टीबी के मरीजों को दो साल से अधिक समय तक दवा का सेवन करना पड़ता है. एमडीआर के मरीजों को जिला यक्ष्मा विभाग की ओर से नि:शुल्क दवा भी उपलब्ध करायी जाती है. बताया गया कि नियमित रूप से दवा के सेवन करने से यह बीमारी ठीक हो जाती है.
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