बिहारशरीफ : अपराध का यह खाका आपराधिक पृष्ठभूमि पर तैयार टीवी सीरियल को देख कर तैयार किया गया था.रवि के अपहरण की योजना साठ दिन पूर्व ही तैयार कर ली गयी थी.
अपहरण से पूर्व फिरौती मांगने को लेकर दो नया फोन व दो नयी सिम कार्ड भी खरीद लिये गये थे.अपहरण के इस वारदात में किसे क्या करना है,कौन रवि को उठाये गा,अपहृत रवि को कौन अपने पास रखेगा,फिरौती की रकम कौन मांगगे आदि कामों का बंटवारा पहले की कर दिया गया था.
योजनाबद्ध घटनाक्रम की शुरुआत के लिए एक अक्टूबर की तारीख तय की गयी.सबसे पहला काम रवि के मित्र सूरज को दिया गया.सूरज रवि को स्कूल छोड़ने की बात बाइक पर बैठा कर शहर के नाला रोड स्थित हिमगंगे पानी सप्लाई के मैनेजर विकास उर्फ रितेश कुमार के कमरे में रख आया.
इन दोनों की भूमिका के समाप्त होने के बाद गैंग में शामिल पांच दूसरे अपराधी अपना काम शुरू का दिये.सदर एसडीपीओ सैर्फुर रहमान व नगर इंस्पेक्टर राकेश कुमार द्वारा किये गये आधुनिक अनुसंधान में इस बात का खुलासा हुआ कि जिस मोबाइल फोन व सिम कार्ड से फिरौती की रकम मांगी जा रही है वह दोनों नयी खरीदी गयी है.पुलिस टीम द्वारा शहर के बनौलिया निवासी सिम विक्रेता विवेक कुमार उर्फ मोदी की पहचान की गयी.
पूछताछ में उसने अर्नव उर्फ शिवम एवं अपने मकान मालिक के पुत्र नीतीश कुमार का नाम बताया,जिसके द्वारा उससे नया सिम खरीदा गया था.विशेष पूछताछ में नीतीश एवं विवेक उर्फ मोदी गढ़पर निवासी मुन्ना नामक युवक के साथ देखे गये हैं.मुन्ना की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने जब उससे घटना के संबंध में पूछताछ किया तो पूरी कहानी पुलिस के समझ में आयी.
मामले की जांच कर रहे एक पुलिस पदाधिकारी ने बताया कि यह घटना आपराधिक पृष्ठभूमि पर तैयार टीवी सीरियल को देख कर बनायी गयी थी. बताया जाता है कि इस पूरे घटना को अंजाम देने से पूर्व गिरफ्तार सभी अपराधियों की एक बैठक हुई थी.बैठक का नेतृत्व विकास उर्फ माली कर रहा था.
इस पूरे खेल का वन ऑफ द प्लानर शिवम उर्फ अर्नर अभी भी पुलिस की पहुंच से दूर है.उसकी गिरफ्तारी को लेकर छापेमारी की जा रही है.सोमवार को आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान एसपी विवेकानंद ने बताया कि इस अपहरण की घटना के पीछे शिवम उर्फ अर्नव विकास माली व सूरज कुमार का दिमाग काम कर रहा था.प्रेस वार्ता के बाद एक आरोपित ने बताया कि पहचान के डर से रवि की हत्या अपहरण के दूसरे दिन ही कर दी गयी थी.