संवाददाता : बिहारशरीफ प्रकृति का साथ मिलते ही किसान गद्गद् हो गये हैं. धान समेत खरीफ फसलों को बचाने के लिए जारी उनकी जद्दोजहद पर भगवान इन्द्र ने अपनी नेमतें बरसायीं.
एक बार फिर से सक्रिय मानसून ने खेतिहरों की सिंचाई की संकट को बहुत हद तक दूर कर दिया है. जिले भर में झमाझम बारिश से धान की फसल को संजीवनी मिली है. दो दिनों से लगातार हो रही वर्षा से खेतों की पर्याप्त सिंचाई होने से पटवन के बिना पीले पड़ रहे धान के पौधों में हरियाली लौट आयी है.
ऐसे में मौसम का साथ मिलते ही किसानों के चेहरे पर रौनक देखी जा रही है. बताया गया कि जिले में 21 दिन बाद फिर से झमाझम बारिश हुई. सोमवार व मंगलवार को हुई बारिश से धान की फसल की रंगत भी लौटने लगी है. कृषि वैज्ञानिकों ने इस बारिश को किसानों के लिए सोना बताया है.
मंगलवार को जिले में कुल 456.8 एमएम बारिश हुई और प्रखंडवार बारिश का औसत 22.84 एमएम रिकार्ड किया गया. सबसे ज्यादा करायपरसुराय प्रखंड में 83.6 एमएम बारिश रिकार्ड की गयी. इसके बाद इस्लामपुर में 43 और 41 एमएम बारिश हुई है. सबसे कम कतरीसराय प्रखंड में 2.2 एमएम बारिश रिकार्ड की है.
कृषि वैज्ञानिकों की मानें तो यह बारिश अधिकतर फसलों के लिए फायदेमंद है. इस बारिश से फसलों में पत्रालांछन रोग, तना छेदक कीड़े, पत्ती लपेटक कीड़े का प्रकोप बहुत हद तक कम होगा. मक्का फसल में तना छेदक कीड़े, सब्जियों में भंगुरी रोग व अन्य प्रकार के कीड़ों का प्रकोप कम होगा. पौधे हरे-भरे होंगे जिससे उसमें जरूरी वृद्धि होगी. खेतों में नमी की बढ़ोतरी होगी.
क्या कहते हैं अधिकारी
सोमवार से जिले में बारिश हो रही है. आसमान में बादल छाये हुए हैं. इससे आगे भी बारिश की संभावना बनी हुई है. इस बारिश से किसानों को राहत मिली है. अशोक कुमार, जिला कृषि पदाधिकारी, नालंदा