बिहारशरीफ (नालंदा) : दहेज के रूप में नकद सहित बाइक की मांग पूरी नहीं करने पर विवाहिता की हत्या के मामले में पति, सास, ससुर सहित पांच ससुराली परिजनों को उम्रकैद की सजा सुनायी गयी है. स्थानीय व्यवहार न्यायालय में पंचम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश शिवनाथ मिश्र ने नालंदा थाने की मनियावां निवासी मृतक नीलम देवी के पति चिंटु पासवान, ससुर सहदेव पासवान, सास गीता देवी, चचेरा ससुर मथुरा पासवान एवं रामपृत पासवान को सुनायी है.
वहीं धारा 304 (बी) भादवि के तहत पति चिंटु पासवान को 10 वर्षो का कारावास एवं 20 हजार रुपये जुर्माना एवं शेष आरोपितों को सात वर्ष का कारावास एवं 10-10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनायी गयी. साथ ही धारा 201 भादवि के तहत सभी आरोपितों को तीन-तीन वर्ष की कैद एवं तीन-तीन हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनायी गयी है.
जुर्माने की राशि अदा नहीं करने पर एक माह के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी. न्यायाधीश श्री मिश्र ने जुर्माने की कुल राशि की दो तिहाई राशि मृतका के पुत्र को दिये जाने का आदेश दिया है. घटना के संबंध में मृतका के पिता नूरसराय थाने के सैदी निवासी नंद किशोर पासवान ने स्थानीय थाने में नालंदा थाना कांड संख्या 92/13 दर्ज करायी थी. प्राथमिकी में वादी का कहना था कि वह अपनी पुत्री नीलम की शादी दो वर्ष पूर्व चिंटू पासवान से की थी.
शादी के बाद से ही पति, सास, ससुर व अन्य परिजन उसकी पुत्री को पैसे व बाइक की मांग के लिए प्रताड़ित किया करते थे. इसी बीच उसकी पुत्री नीलम को एक पुत्र पैदा लिया. बावजूद दहेज के रूप में की जा रही मांग को लेकर प्रताड़ना का क्रम जारी रहा. कुछ दिनों पूर्व उसकी पुत्री नीलम को मारपीट कर घर से बाहर कर दिया गया था. पंचायती के बाद वह कुछ दिनों से अपनी ससुराल में रह रही थी.
इसी बीच सितंबर, 2013 को उक्त सभी आरोपितों ने मांग पूरी नहीं होने पर नीलम की गला दबा कर हत्या कर दी. साक्ष्य छिपाने के उद्देश्य से पंचाने नदी में शव को गाड़ दिया. बाद में पुलिस व ग्रामीणों के सहयोग से शव को बरामद किया गया.