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गायों की तरह मुर्रा भैंस पालन को मिलेगा बढ़ावा

पहल : जिले में श्वेत क्रांति की धार होगी तेज जिले में श्वेत क्रांति की धार अब और तेज होगी. इसके लिए मुर्रा प्रजाति के भैंसों के पालन को बढ़ावा दिया जायेगा. जिले का गव्य विकास महकमा इस सकारात्मक दिशा में आगे आया है. मुर्रा भैंस देशी एवं दियारा सहित अन्य प्रजाति की भैंसों की […]

पहल : जिले में श्वेत क्रांति की धार होगी तेज
जिले में श्वेत क्रांति की धार अब और तेज होगी. इसके लिए मुर्रा प्रजाति के भैंसों के पालन को बढ़ावा दिया जायेगा. जिले का गव्य विकास महकमा इस सकारात्मक दिशा में आगे आया है. मुर्रा भैंस देशी एवं दियारा सहित अन्य प्रजाति की भैंसों की तुलना में दो से तीन गुणा अधिक दूध देती है. विभाग इसके लिए जल्द ही पशुपालकों को मुर्रा प्रजाति की उत्तम नस्ल का सीमेन उपलब्ध करायेगा.
देसी व दियारा भैंस की तुलना में दो से तीन गुना अधिक मिल सकेगा दूध
पशुपालकों की आर्थिक स्थिति में और होगा सुधार
बिहारशरीफ .जिले में श्वेत क्रांति की धार बहाने के लिए अब गायों की तरह ही भैंस पालन को बढ़ावा दिया जायेगा. जिला गव्य विकास महकमा इस दिशा में सार्थक पहल कर रहा है.विभाग की मंशा है कि जो लोग देशी व दियारा नस्ल की भैंस का पालन कर रहे हैं अब उन्हें आर्थिक स्थिति पर और ज्यादा सुदृढ़ किया जाये. इसके लिए मुर्रा भैंस पालन को बढ़ावा दिया जायेगा.
इसका एक बड़ा लाभ यह होगा कि मवेशी पालकों को मुर्रा भैंस से अन्य प्रजाति की भैंसों की तुलना दो से तीन गुणा अधिक दूध मिल सकेगी. मजे की बात यह है कि इस प्रजाति के भैंस पालन में खर्च भी ज्यादा नहीं आयेगा. ऐसी उम्मीद जतायी जा रही है कि जिले में इस प्रजाति का भैंस पालन को बढ़ावा मिलने से दुग्ध क्रांति में एक नये अध्याय का आगाज होगा.
मुर्रा भैंस पालन से यह होगा फायदा
जिले में बहुत से ऐसे पशुपालक हैं, जो दूध उत्पादन से जुड़े हैं. भैंस की तुलना में गाय कहीं अधिक दूध देती है. इसलिए ज्यादातर लोग गायों का ही पालन करते हैं. देशी या दियारा नस्ल सहित अन्य प्रजाति की भैंसे दूध कम देती है. इसलिए ज्यादातर मवेशी पालक भैंसो के पालन से परहेज करते हैं. लेकिन मुर्रा प्रजाति की भैंसे देशी एवं अन्य प्रजाति की भैंसों से दो से तीन गुणा अधिक दूध देती है. ऐसे में मुर्रा भैंस पालकों की आमदनी भी कई गुणा बढ़ जायेगी.
विभाग उपलब्ध करायेगा सीमेन
जिला गव्य विकास विभाग मुर्रा भैंस पालन के लिए पशुपालकों को सीमेन उपलब्ध करायेगा. यह सीमेन उत्तम नस्ल की प्रजाति का होगा. इसके अलावे विभागीय स्तर पर मुर्रा भैंस पालन को बढ़ावा देने के लिए मवेशी पालकों को प्रोत्साहित किया जायेगा.

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