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साइबर क्राइम में साइबर कैफे का अहम रोल
संचालक की सांठगांठ से चुरा रहे हैं डाटा खुफिया विंग जुटा रहा है साक्ष्य, निकट भविष्य में होगी बड़ी कार्रवाई बिहारशरीफ : साइबर क्राइम की सहभागिता में साइबर कैफे संचालकों की संदेहास्पद भूमिका की जानकारी के बाद नालंदा पुलिस के कान खड़े हो गये हैं. खुफिया विंग से मिले इनपुट के बाद जिले के कुछ […]
संचालक की सांठगांठ से चुरा रहे हैं डाटा
खुफिया विंग जुटा रहा है साक्ष्य, निकट भविष्य में होगी बड़ी कार्रवाई
बिहारशरीफ : साइबर क्राइम की सहभागिता में साइबर कैफे संचालकों की संदेहास्पद भूमिका की जानकारी के बाद नालंदा पुलिस के कान खड़े हो गये हैं. खुफिया विंग से मिले इनपुट के बाद जिले के कुछ साइबर कैफे को रेखांकित किया गया है.
बताया जाता है कि साइबर क्राइम से जुड़े शातिर अपराधी साइबर कैफे संचालक से सांठगांठ कर वहां से उनके ग्राहकों का डाटा व दूसरी अतिगोपनीय जानकारी लेते हैं. इसके बदले साइबर कैफे संचालक को मोटी रकम दी जाती है. साइबर कैफे में बैठकर ऑन लाइन शॉपिंग व बैंकिंग कार्य करने वाले कस्टमरों के डाटा बेस की चोरी की जाती है. खुफिया विंग की माने तो कुछ चिह्नित साइबर संचालक अपने सिस्टम में कुछ विशेष प्रकार के सॉफ्ट्वेयर लोड रखते हैं. यह सॉफ्ट्वेयर साइबर कैफे से ऑन लाइन वर्क करने वाले कस्टमरों का डाटा बेस सिस्टम में बने एक विशेष फाइल में स्वत: रख लेता है. कैफे संचालक इस फाइल को मोटी रकम पर साइबर क्राइम से जुड़े अपराधियों को मोटी रकम लेकर बेच दिया करता है.
साइबर अपराध का विशेष सेल करता है काम: साइबर क्राइम से जुड़े अपराधी उक्त कार्य को पूरा करने के लिए एक विशेष सेल का गठन करता है. यह सेल कई ग्रुपों में बंटा होता है. सेल का काम होता है कि वह नालंदा जिले के विभिन्न स्थानों पर जाकर वहां के साइबर कैफे संचालक से मिलकर अपनी योजना की जानकारी देते हुए उनके यहां आने वाले ग्राहकों का डाटा बेस एक विशेष सॉफ्टवेयर के माध्यम से चोरी करने की बात बताते हैं.
शहर के एक साइबर कैफे के संचालक ने बताया कि उनकी दुकान पर साइबर अपराधी का विशेष सेल आया था, जिसने हमें रुपये का लालच देकर उक्त कार्य करने की बात कही थी. हालांकि उसने
ऐसा करने से इन्कार कर दिया था. साइबर क्रिमिनल अपने इस विधि से किसी का सिम कार्ड तक हैक कर लेते हैं.
महिला चिकित्सक के खाते से उड़ाये 3.65 लाख :पिछले दिनों इसी विधि से साइबर अपराधियों ने शहर की एक महिला चिकित्सक के खाते से 3.65 लाख रुपये उड़ा लिये थे. अपराधी कार्य को अंजाम देने से पूर्व महिला चिकित्सक के सिम कार्ड का ब्लॉक कर दिया था. सिम कार्ड ब्लॉक हो जाने से मोबाइल फोन पर किसी तरह का मैसेज या कॉल आना बंद हो गया. साइबर अपराधियों ने महिला चिकित्सक को फोन कर बताया कि उनका सिम कार्ड आधार से लिंक नहीं है. इसके लिए वह उनके मोबाइल पर एक कोड भेज रहा है. जिसे वह मोबाइल कंपनी के कस्टमर केयर नंबर 121 पर भेज दे. ऐसा करते ही सिम हैक हो गया और अपराधी उनके खाते से उक्त राशि उड़ा ली.
कहते हैं एसपी
नालंदा के पुलिस अधीक्षक सुधीर कुमार पोरिका ने बताया है कि किसी भी कीमत पर फोन पर अपने बैंक अकाउंट, पासवार्ड व अन्य बैंकिंग से संबंधित जानकारी किसी अज्ञात को शेयर नहीं करें. ऐसा करना नुकसान पहुंचा सकता है. दो दिन पूर्व ही नालंदा पुलिस ने कतरीसराय थाना क्षेत्र के मायापुर गांव से पांच शातिर साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी की है. कई आधुनिक उपकरण भी बरामद किये गये हैं. नालंदा पुलिस लगातार साइबर अपराधियों की पहचान व उनकी गिरफ्तारी को लेकर प्रयासरत है. निकट भविष्य में इससे संबंधित बड़ी कार्रवाई की जायेगी.
सुधीर कुमार पोरिका, एसपी, नालंदा
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