आस्था. नहाय खाय आज, छठव्रतियों ने पूरी की तैयारी, दाल-कदुआ की व्यवस्था में जुटे श्रद्धालु
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घर से बाजार तक छठ पर्व का उत्साह
आस्था. नहाय खाय आज, छठव्रतियों ने पूरी की तैयारी, दाल-कदुआ की व्यवस्था में जुटे श्रद्धालु बिहारशरीफ : चार दिवसीय छठ पर्व का अनुष्ठान मंगलवार को नहाय-खाय के साथ शुरू हो जायेगा. छठव्रतियों में पर्व को लेकर भारी उत्साह देखा जा रहा है. एक तरफ नहाय-खाय का प्रसाद तैयार करने के लिए छठव्रतियों द्वारा अरवा चावल, […]
बिहारशरीफ : चार दिवसीय छठ पर्व का अनुष्ठान मंगलवार को नहाय-खाय के साथ शुरू हो जायेगा. छठव्रतियों में पर्व को लेकर भारी उत्साह देखा जा रहा है. एक तरफ नहाय-खाय का प्रसाद तैयार करने के लिए छठव्रतियों द्वारा अरवा चावल, चने की दाल, कद्दु आदि की खरीदारी की गयी है. मंगलवार को छठव्रतियों द्वारा स्नान आदि से निवृत होकर अरवा चावल का भात, चने की दात तथा कद्दू की सब्जी खाया जाता है. इसी के साथ व्रतियों द्वारा छठ व्रत का संकल्प लिया जाता है. एक तरह से छठ व्रत की शुरूआत मंगलवार से ही हो जायेगी.
इस संबंध में धनेश्वर घाट मंदिर के पुजारी पं. गोपाल कृष्ण पांडेय ने बताया कि नहाय-खाय की रश्म के साथ ही व्रत का संकल्प जुड़ा है. इसी दिन से व्रती स्वच्छ वस्त्र तथा स्वच्छ विस्तर के साथ-साथ हर कार्य में शुद्धता को अपनाने लगते हैं. इसके बाद खरना का उपवास तथा संध्या काल में पवित्र प्रसाद ग्रहण किया जाता है. छठ व्रत सूर्योपासना से जुड़ा व्रत है.
भगवान सूर्य की बहन की पूजा छठ माता के रूप में किया जाता है. मंगलवार को छठपर्व का नहाय-खाय होने के कारण सुबह से ही बाजारों में श्रद्धालु कद्दू की खरीदारी करने लगे. लोग अपने-अपने घरों में रखकर इत्मिनान हो गये हैं. हालांकि बाजारों में मांग बढ़ने के कारण 10-20 रुपये किलो बिकने वाला कद्दू का भाव 40 रुपये से 60 रुपये किलो तक रहा. हालांकि धार्मिक कार्यों में उपयोग किये जाने के कारण लोगों ने महंगे कद्दू खरीदने में भी कोई कंजूसी नहीं दिखा रहे थे. जिले में हजारों स्त्री पुरूष छठपूजा करते हैं.
चार दिनों तक पूरे जिले में धार्मिक गीतों व पूजा के अनुष्ठानों से वातावरण धार्मिकता के रंग में रंग जाता है. विशेष रूप से संध्या व प्रात:कालीन अर्घ के समय पूरा शहर व गांव की आबादी नदी-तालाबों के तट पर उमड़ पड़ती है. छठ के गीतों से वातावरण सुरमय बन जाता है.
ऐसी मान्यता है कि छठव्रत करने से मनुष्य के जन्म-जन्मान्तर का पाप दूर हो जाता है. पं श्रीकांत शर्मा बताते हैं कि इस लोक की कोई भी ऐसी मनोकामना नहीं है जो सूर्योपासना तथा छठीमाता की कृपा से पूरी नहीं हो.
उन्होंने बताया कि धन-दौलत, नौकरी-व्यापार, संतान प्राप्ति, उत्तम स्वास्थ्य सहित मनुष्य की सभी भौतिक मनोकामनाओं की पूर्ति छठव्रत के करने से पूरी होती है. तभी तो आदि काल से सूर्योपासना के इस महान पर्व की परंपरा आज तक चलते आ रही है. हजारों साल बाद भी लोगों की आस्था तथा उत्साह में जरा भी कमी नहीं आई है. गिरियक. चार दिनों तक चलने वाला लोक आस्था का महापर्व छठ व्रत मंगलवार को नहाय खाय के साथ शुरू होकर शुक्रवार को उद्यमान सूर्य भगवान को अर्घ प्रदान कर समाप्त हो जायेगा. इसको लेकर प्रखंड प्रशासन विभिन्न घाटों का निरीक्षण किया. इसमें पंचाने नदी के सभी घाटों के अलावा तालाबों के साथ सकरी नदी के घाटों का भी पदाधिकारियों व जनप्रतिनिधियों ने जायजा लिया. इस मौके पर मजदूरों व ग्रामीणों ने भी साथ मिलकर घाटों की सफाई कार्य में जुटे हैं.
इस अवसर पर बीडीओ डॉ उदय कुमार, सीओ कमला चौधरी, जदयू के वरिष्ठ नेता विजय कुमार सिन्हा के अलावा अन्य लोग साथ में थे.
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