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बारिश से कृषि कार्यों में आयी तेजी

मुहिम. 97 फीसदी बिचड़े की हुई बुआई, जुलाई में हुई औसत से अधिक बारिश बिहारशरीफ : बुधवार को जिले के विभिन्न भागों में बारिश होने से किसानों के चेहरे खिल उठे हैं. पिछले कुछ दिनों से जिले में बारिश नहीं हो रही थी. किसान डीजल इंजन पंप का सहारा लेकर खेतों में धान की रोपनी […]

मुहिम. 97 फीसदी बिचड़े की हुई बुआई, जुलाई में हुई औसत से अधिक बारिश

बिहारशरीफ : बुधवार को जिले के विभिन्न भागों में बारिश होने से किसानों के चेहरे खिल उठे हैं. पिछले कुछ दिनों से जिले में बारिश नहीं हो रही थी. किसान डीजल इंजन पंप का सहारा लेकर खेतों में धान की रोपनी करने में लगे थे, लेकिन दो अगस्त को दोपहर बाद अचानक मौसम का मिजाज बदला. देखते ही देखते आकाश में काले बादल छा गये. कुछ ही क्षण बाद बारिश के रूप में सोना बरसने लगे. बारिश होने से किसान भाई खुशी से झूम उठे. कुछ ही देर बाद खेतों में पानी जमा हो गया. लिहाजा धान की रोपाई करने में किसानों को सहूलियत हुई. यह बारिश खरीफ फसलों के लिए फायदेमंद ही साबित हो रही है. खासकर धान की फसल के लिए तो यह बारिश मृत संजीवनी के बराबर है. साथ ही जिन खेतों में धान की रोपाई की गयी थी उसे बहुत ही लाभ पहुंचा.
जुलाई माह में जिले में औसतन से कहीं अधिक बारिश हुई. जुलाई महीने में 252.8 मिलीमीटर बारिश होनी चाहिए थी. इसकी जगह 300 मिली मीटर से अधिक बारिश हुई. जो किसानों के लिए बहुत ही फायदेमंद साबित हुआ. किसान धान की रोपाई तेजी से करने लगे. गत माह आये दिन जिले में बारिश होती रही. अगस्त माह के दूसरे दिन ही आकाश से बारिश टपक जाने से किसानों में उम्मीद जगी है कि इस माह में भी अच्छी बारिश होगी. जो किसानों के लिए वरदान साबित होगी. अभी धान की रोपाई के लिए बारिश बहुत ही जरूरी है. अभी जिले के किसान जोर-शोर से धान की रोपाई करने में लगे हैं.
50 फीसदी से अधिक हुई रोपाई
सावन माह बीतने को है. नालंदा जिले में अभी तक लक्ष्य के अनुरूप धान की रोपाई नहीं हो सकी है. अभी तक नालंदा जिले में 50 फीसदी से अधिक धान की रोपाई ही संभव हो सकी है. जैसे-जैसे बारिश हो रही है, वैसे-वैसे धन रोपनी के कार्य में तेजी आ रही है. हालांकि जिले के कई एेसे प्रखंड हैं जहां लक्ष्य के विपरीत अच्छी रोपनी हुई है तो किसी प्रखंड में धीमी गति से धनरोपनी का कार्य आगे बढ़ रहा है. जिले के हिलसा, हरनौत, एकंगरसराय, इस्लामपुर, परबलपुर, चंडी, नूरसराय समेत कई प्रखंडों में रोपाई कार्य तेजी से चल रहा है. इसके अलावा अन्य प्रखंडों में भी धनरोपनी की रफ्तार कमोबेश ठीक ही है. नालंदा जिले में चालू वित्तीय वर्ष में 12 हजार 800 हेक्टेयर में धान के बिचड़े बोने का लक्ष्य निर्धारित कृषि विभाग की ओर से किया गया है. इस लक्ष्य के विरुद्ध 26 जुलाई तक 97 फीसदी बिचड़े की बुआई हो चुकी है. यानी की 12 हजार 359 हेक्टेयर में बिचड़े डाले जा चुके हैं. इस तरह कहा जा सकता है जिले में बिचड़े बोने का काम लगभग पूरा हो चुका है. जिला कृषि पदाधिकारी अशोक कुमार ने बताया कि जिले में धनरोपनी का कार्य जोर-शोर से किया जा रहा है. अब तक पचास फीसदी से अधिक रोपाई हो चुकी है. जिले में एक लाख 28 हजार हेक्टेयर में धान की रोपाई का लक्ष्य है. धीरे-धीरे रोपाई कार्य लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है. एक पखवारे के दौरान लक्ष्य के मुताबिक रोपाई कार्य हो जाने की संभावना है. लेट वेरायटी के धान की बुआई अगस्त माह तक की जा सकती है. यह बारिश खरीफ फसलों के लिए काफी फायदेमंद है. वैसे तो अभी अन्य फसलों को भी बारिश से लाभ ही होगा.

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