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धान की खेती का उचित समय, तैयार करें नर्सरी
मुजफ्फरपुर: धान की खेती का अभी बेहतर समय है. किसान धान की खेती के लिए तैयारी कर सकते हैं. राजेंद्र कृषि विवि पूसा ने उत्तर बिहार के किसानों के लिए कई किस्में लगाने की सलाह दी हैं. लंबी अवधि के धान राजश्री, राजेंद्र मंसूरी, राजेंद्र श्वेता, किशोरी, स्वर्णा, स्वर्णा सब–1 वीपीटी-5204 व सत्यम किस्में 10 […]
मुजफ्फरपुर: धान की खेती का अभी बेहतर समय है. किसान धान की खेती के लिए तैयारी कर सकते हैं. राजेंद्र कृषि विवि पूसा ने उत्तर बिहार के किसानों के लिए कई किस्में लगाने की सलाह दी हैं. लंबी अवधि के धान राजश्री, राजेंद्र मंसूरी, राजेंद्र श्वेता, किशोरी, स्वर्णा, स्वर्णा सब–1 वीपीटी-5204 व सत्यम किस्में 10 जून तक बीज स्थली में गिराने का प्रयास करें. एक हेक्टेयर क्षेत्रफल में रोपाई के लिए 800 से 1000 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में बीज गिराना बेहतर होगा. बीज को गिराने से पहले बेविस्टिन 2.0 ग्राम प्रति किलो की दर से उपचार करें. वहीं, हरी खाद के लिए सनई और ढैंचा की भी बोआई करें.
किसान हल्दी व अदरख की भी बोआई करें. राजेंद्र सोनिया, राजेंद्र सोनाली किस्में व अदरक की मरान एवं नदिया किस्मों की बुआई करें.
पशुचारा के लिए करें लोबिया की बोआई : पशुचारा के लिए ज्वार, बाजरा व मक्का की बाेआई करें. इसके साथ मेथ, लोबिया व राइस बीन की बोआई करें. अंतरवर्ती खेती करने से चारे की गुणवत्ता बढ़ जायेगी. दुधारू पशुओं के लिए पौष्टिक चारा प्राप्त होगा. पशुओं को एन्थ्रेक्स, ब्लैक क्वार्टर (डकहा) एवं एचएस (गलघोंटू) से बचाव के लिए पशुओं को टीके लगाएं.
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