मुजफ्फरपुर: बिजली आपूर्ति सिस्टम दुरुस्त करने के लिए एस्सेल लगातार एक्शन प्लान तैयार कर रहा है. कंपनी मैन पावर व अन्य संसाधन बढ़ाने के दावे के साथ सेवा शुल्क के नाम पर उपभोक्ताओं से अतिरिक्त राशि ले रही है. लेकिन, 2.80 लाख बिजली कनेक्शन लिये उपभोक्ताओं को सुविधा मुहैया कराने के लिए एस्सेल मात्र 135 लाइनमैन ही हैं.
नतीजा, गरमी जब चरम पर होती है और लोगों को बिजली की आवश्यकता रहती है, उस वक्त सिस्टम चरमराने पर कंपनी हाथ खड़े कर देती है. आंधी-पानी के बाद जब एक साथ अगर चार-पांच फीडर ब्रेकडाउन होते हैं, तो एस्सेल को इसे ठीक करने में दो-तीन घंटे नहीं, कई दिन लग जाते हैं. इस बीच उपभोक्ताओं को बिजली-पानी के लिए काफी परेशानी झेलनी पड़ती है. एस्सेल के कस्टमर केयर नंबर पर फोन करने पर भी कोई रिस्पांस नहीं मिलता है. पिछले दिनों बेला फीडर से जुड़े एक उपभोक्ता ने इसकी शिकायत कंपनी के अधिकारियों से भी की थी.
लाइनमैन ही करते हैं ट्रांसफॉर्मर की मरम्मत
कंपनी में मैन पावर की कमी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अगर ट्रांसफॉर्मर में खराबी आती है, तो उसे ठीक करने के लिए इलेक्ट्रिशियन के बजाय लाइनमैन को ही लगा दिया जाता है. इतना ही नहीं, एलटी व एचटी लाइन के लिए अलग-अलग लाइनमैन को रखना है, लेकिन कंपनी एचटी (हाइ टेंशन) के नाम पर महज कुछ लोगों को दिखा एलटी के लाइनमैन को ही उस काम में लगा दे रही है. इस कारण जहां फॉल्ट समय से नहीं मिलता है, वहीं कभी-कभी तो अनट्रेंड लाइनमैन के कारण बड़ी घटना भी हो जाती है. एस्सेल ने जब से आपूर्ति की जिम्मेदारी संभाली है, तब से इस तरह की कई बड़ी चूक हो चुकी है.
24 घंटे में आती है 20 से 25 शिकायतें
एस्सेल ने ग्रामीण इलाके के पावर सब स्टेशन में तीन से पांच व शहरी पीएसएस में पांच से सात लाइनमैन रखे हैं. जबकि, आवश्यकता हर पीएसएस में 20-25 लाइनमैन की है. लाइनमैन कम होने से फ्यूज उड़ने एवं तार टूटने की जो शिकायतें आती हैं, उसे ठीक करने में परेशानी होती है. उदाहरण के तौर पर नया टोला पीएसएस से शहर के मोतीझील, कलमबाग, छाता चौक, यूनिवर्सिटी, गन्नीपुर समेत आसपास के इलाके जुड़े हैं. इतनी बड़ी आबादी वाला क्षेत्र होने के बाद भी नया टोला पीएसएस में 24 घंटे में मात्र सात लाइनमैन की ड्यूटी है. इन्हीं सातों लाइनमैन को 24 घंटे में जो शिकायतें आती हैं, उसे ठीक करने के साथ-साथ मेजर फॉल्ट को भी ठीक करने की जिम्मेदारी है.
जीवन व मौत से जूझ रहा जख्मी लाइनमैन. हाल ही में कोल्हुआ के गरम चौक पर ट्रांसफॉर्मर ठीक करने के दौरान विनोद मंडल नामक लाइनमैन काे करंट लग गया था. उसका इलाज फिलहाल पटना में चल रहा है. गंभीर रूप से जख्मी लाइनमैन जीवन व मौत से जूझ रहा है. इससे पहले भी भगवानपुर व एसकेएमसीएच पीएसएस में करंट लगने से लाइनमैन की मौत हो चुकी है. सेफ्टी के नाम पर कंपनी ने लाइनमैन को कोई सुविधा नहीं दी है.
लाइनमैन की संख्या बढ़ायी जा रही है. बार-बार मौसम खराब होने के कारण कुछ दिनों से परेशानी हो रही है. जो लाइनमैन हैं, उन्हें समय-समय पर ट्रेनिंग भी दी जाती है. एस्सेल के पास तेज-तर्रार इंजीनियरों की टीम है, जिन्हें मेजर फॉल्ट होने पर उसे ठीक करने में लगाया जाता है.
राजेश कुमार चौधरी, पीआरओ, एस्सेल