मुजफ्फरपुर : केंद्र सरकार ने नकदी लेन-देन की सीमा में कई बदलाव किया है. इसी बदलाव पर शनिवार को चैंबर ऑफ कॉमर्स के सभागार में अधिवक्ताओं व चार्टर्ड अकाउंटेंट के साथ व्यापारियों की बैठक हुई. इसमें अधिवक्ताओं व चार्टर्ड अकाउंटेंट ने व्यापारियों को बताया कि सरकार ने नियमों में जो बदलाव किये हैं, उससे उन्हें क्या लाभ होगा.
बैठक की अध्यक्षता परिषद अध्यक्ष पुरुषोत्तम लाल पोद्दार ने की.
अधिवक्ता जयप्रकाश अग्रवाल ने व्यापारियों को बताया कि व्यापारिक व्यय की सीमा 20,000 से घटाकर 10,000 कर दी गयी है. व्यापारी एक दिन में दो लाख या इससे अधिक का नकदी माल नहीं बेच सकते हैं. ऐसा करने पर उतनी ही रकम की पेनाल्टी उन्हें देनी होगी. यदि उधार व्यापार में एक बिल दो लाख या इससे अधिक का बनता है तो विभिन्न तिथियों में भी कुल दो लाख से नीचे ही नकदी राशि ली जा सकती है, इसमें शेष राशि बैंक द्वारा ही लेनी होगी.
उन्होंने कहा कि साझेदारी फर्म किसी भी पार्टनर से दो लाख या इससे अधिक का लेनदेन नहीं कर सकते हैं. ऐसा नहीं करने पर उतनी ही रकम की पेनाल्टी देनी होगी. उन्होंने कहा कि व्यापारी मालभाड़ा 35,000 तक नकदी भुगतान कर सकते हैं.
दो लाख से अधिक की बिक्री पर पैन कार्ड अनिवार्य. व्यापारी अगर दो लाख या इससे अधिक की बिक्री करते हैं, तो पैन कार्ड अनिवार्य होगा. चार्टर्ड अकाउंटेंट गोपाल तुलस्यान ने व्यापारियों को लेनदेन के नये नियमों के बारे में बताते हुए कहा कि होटल व रेस्टोरेंट में 5,0000 से ऊपर के बिल पर पैन कार्ड अनिवार्य होगा. टू व्हीलर के अलावा कोई भी वाहन खरीदने के लिए पैन अनिवार्य किया गया है.
बैठक का संचालन उपाध्यक्ष रमेश चंद्र टिकमानी ने किया. वहीं सीए ललित केजरीवाल, गोपाल तुलस्यान, आशीष मस्करा, आदित्य तुलस्यान, जयप्रकाश अग्रवाल, सज्जन कुमार गिन्दोरिया, सीताराम शर्मा, मोतीलाल छापड़िया, डॉ केएम टिकमानी, श्रीराम बंका, अनूप कुमार ककरानिया, सज्जन कुमार शर्मा, जयप्रकाश अग्रवाल, बनवारी लाल ढंढारिया, अरुण कुमार, गरीबनाथ बंका, उमेश हिसारिया, महेंद्र तुलस्यान समेत कई व्यापारी इसमें शामिल थे.