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विवाहिता को मुक्त कराने गयी पुलिस पर हमला

मुजफ्फरपुर : विवाहिता को मुक्त कराने गयी पुलिस टीम पर मंगलवार की दोपहर उसके ससुराल पक्ष के लोगों ने हमला कर दिया. हमलावरों ने दारोगा हरिवंश झा की वरदी फाड़ दी. हालांकि विवाहिता को मुक्त करवा कर पुलिस उसे थाने ले आयी है. मुक्त विवाहिता अंबिका कुमारी सीतामढ़ी जिले के डुमरा थाने के अमघट्टा की […]

मुजफ्फरपुर : विवाहिता को मुक्त कराने गयी पुलिस टीम पर मंगलवार की दोपहर उसके ससुराल पक्ष के लोगों ने हमला कर दिया. हमलावरों ने दारोगा हरिवंश झा की वरदी फाड़ दी. हालांकि विवाहिता को मुक्त करवा कर पुलिस उसे थाने ले आयी है.

मुक्त विवाहिता अंबिका कुमारी सीतामढ़ी जिले के डुमरा थाने के अमघट्टा की रहने वाली है. उसकी शादी चार मई 2016 को खबड़ा ग्राम निवासी रामबाबू प्रसाद से हुई थी. पुलिस टीम पर हमला व विवाहिता को दहेज के लिए बंधक बना कर रखने के मामले में सदर थाने में दो अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. पुलिस आरोपितों की गिरफ्तारी को छापेमारी कर रही है.
जानकारी अनुसार, पीड़िता अंबिका कुमारी के ससुराल के लोग पिछले दस दिनों से दहेज के लिए उसे कमरे में कैद किये हुए थे. इसकी सूचना किसी तरह से उसने सीतामढ़ी जिले के अमघट्टा गांव स्थित अपने मायकेवालों को दी. मंगलवार की सुबह सीतामढ़ी से अंबिका की मां प्रमिला देवी ने सदर थाने पहुंच इसकी शिकायत की थी. पुलिस लिखित शिकायत के आधार पर विवाहिता को मुक्त कराने खबड़ा ग्राम पहुंची.
पुलिस ने विवाहिता के कमरे को तोड़ जैसे ही उसे घर से निकाला, ससुराल के लोगों ने पुलिस पर हमला करते हुए धक्का-मुक्की शुरू कर दी. पुलिस ने हमलावरों से जूझते हुए किसी तरह से विवाहिता को पुलिस जीप में बैठा लिया. इसके बाद वहां के कुछ स्थानीय बदमाशों ने पुलिस जीप को चारों ओर से घेर लिया. पहले पुलिस जीप की चाभी निकाल ली, फिर विवाहिता को जीप से जबरन खींच कर नीचे उताड़ने लगे. विरोध करने पर दारोगा हरिवंश झा से धक्का-मुक्की करते हुए उनकी वरदी फाड़ दी.
आधा किमी तक दौड़ती रही अंबिका : दारोगा हरिवंश झा की वरदी फाड़ने के बाद उसके ससुराल के लोगों ने अंबिका को जबरन पुलिस जीप से खींच कर उतारना चाहा. लेकिन दारोगा ने दिलेरी दिखाते हुए उसे दूसरी ओर से जीप से उतार दिया. इसके बाद वह करीब आधा किमी मझौलिया चौक तक दौड़ती रही. कुछ देर बाद पुलिस जीप की चाभी वापस मिली, तो रास्ते से विवाहिता को अपनी जीप में बैठा थाने ले आयी.
दस दिन से बाथरूम का पानी पीकर जीवित थी : सर! दस दिनों से कमरे में बंद कर मारपीट कर रहे थे. पति रामबाबू पासवान, उसका बड़ा भाई बबलू पासवान जबरन उससे सादे कागज पर दस्तखत कराना चाह रहे थे. विरोध करने पर मारपीट व सिगरेट से शरीर में जगह- जगह दाग देते थे. पिछले दस दिनों से उसे कमरे से बाहर नहीं निकलने दे रहा था.
वह बाथरूम के नल का पानी पीकर किसी तरह जान बचा ही थी.
हमलावरों से नहीं उलझते, तो विवाहिता की जान ले लेते: विवाहिता को मुक्त कराने में जख्मी दारोगा हरिवंश झा ने बताया कि
अगर वे विवाहिता को उसके ससुरालियों के चंगुल से मुक्त नहीं कराते, तो वे उसकी जान ले लेते. जिस समय कमरे का गेट खोला, तो वह डर से कमरे के किनारे कोने में छुपी हुई थी. वह इतनी डरी हुई थी कि पुलिस को देख उसमें हिम्मत आ गयी और वह उठकर भागने लगी.
दारोगा की वरदी फाड़ी
सदर थाना क्षेत्र के खबड़ा गांव
की घटना, जांच में जुटी पुलिस
दस दिनों से घर में बंद कर किया
जा रहा था प्रताड़ित
पुलिस ने विवाहिता को कराया
मुक्त, आरोपित फरार
मामले में दर्ज होगी दो अलग
अलग प्राथमिकी

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