मुजफ्फरपुर : गर्मी बढ़ते ही जिले में एइएस का कहर शुरू हो गया है. पिछले 24 घंटे में एसकेएमसीएच में तीन मरीजों को भरती किया गया है. केजरीवाल में पहले से भरती एक बच्चे में एइएस के लक्षणों को देखते हुए ब्लड जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग को लिखा गया है. एसकेएमसीएच में फिलहाल एइएस […]
मुजफ्फरपुर : गर्मी बढ़ते ही जिले में एइएस का कहर शुरू हो गया है. पिछले 24 घंटे में एसकेएमसीएच में तीन मरीजों को भरती किया गया है. केजरीवाल में पहले से भरती एक बच्चे में एइएस के लक्षणों को देखते हुए ब्लड जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग को लिखा गया है. एसकेएमसीएच में फिलहाल एइएस के आठ संभावित मरीजों का इलाज चल रहा है.
हालांकि डॉक्टरों ने किसी में अभी तक एइएस की पुष्टि नहीं की है. इलाज के नये प्रोटोकॉल के तहत बीमार बच्चों का ब्लड सैंपल लखनऊ के किंग जार्ज मेडिकल कॉलेज भेजा जा रहा हे. यहां जांच में किसी बीमारी की पुष्टि नहीं होती है, तो बच्चे को एइएस का मरीज माना जा रहा है.
डेंगू या जेइ, असमंजस में विभाग
रून्नीसैदपुर के तीन वर्षीय मनीष कुमार को चमकी बुखार से पीड़ित होने पर परिजनों ने 10 अप्रैल को एसकेएमसीएच में भरती कराया था. उसके ब्लड का सैंपल जांच के लिए लखनऊ भेजा गया था. जांच रिपोर्ट आने के पहले 14 अप्रैल को बच्चे की मौत हो गयी.
अबतक 21 भरती, पांच की मौत
एसकेएमसीएच में एइएस के 21 संभावित मरीजों को भरती किया गया. इनमें से पांच की मौत हो गयी. एक को पटना आइजीएमएस में रेफर किया गया. इन मरीजों में चार जैपनीज इंसेफ्लाइटिस के मरीज पाये गये. छह मरीजों को छुट्टी दी गयी. नौ मरीजों का इलाज किया जा रहा है. यहां 31 मार्च से चमकी-बुखार के मरीजों का आना शुरू हो गया था. लेकिन इस बार लखनऊ के लैब में पुष्टि को ही बीमारी का अाधार माना गया है. रिपोर्ट के अनुसार एइएस को कन्फर्म नहीं किया जा रहा.