मुजफ्फरपुर : सदर अस्पताल में इलाज कराने आये हैं तो टीवी देखिये, मर्ज भूलिये, टीवी से मन भर जाये तो घर जाइये. इस बीच डॉक्टर आ गये तो दिखा लीजिये, अब यह मत सोचिए कि यहां दवाएं भी मिल जायेंगी. ओआरएस, पेट दर्द, सर्दी-जुकाम की दवाओं को छोड़ एंटीबायोटिक या स्किन इंफेक्शन की दवाएं लेनी […]
मुजफ्फरपुर : सदर अस्पताल में इलाज कराने आये हैं तो टीवी देखिये, मर्ज भूलिये, टीवी से मन भर जाये तो घर जाइये. इस बीच डॉक्टर आ गये तो दिखा लीजिये, अब यह मत सोचिए कि यहां दवाएं भी मिल जायेंगी. ओआरएस, पेट दर्द, सर्दी-जुकाम की दवाओं को छोड़ एंटीबायोटिक या स्किन इंफेक्शन की दवाएं लेनी हो, तो आपको बाहर की दुकानों से खरीदनी होगी. यदि डॉक्टर से दिखाने में देर हो गयी तो सर्दी जुकाम की दवाएं भी आपको नहीं मिलेंगी. इसके लिए आपको चार घंटे तक इंतजार करना होगा.
यह व्यवस्था है अस्पताल की. यहां मरीजों की जरूरत के ख्याल से पहले अस्पताल प्रबंधन मनोरंजन का ख्याल रखता है. यहां ओपीडी गैलरी में एक टीवी लगाया गया है, साथ ही कुछ कुर्सियां भी लगा दी गयी हैं, ताकि मरीज डॉक्टर के इंतजार में मनाेरंजन कर सकें. लेकिन, दवाओं की उपलब्धता व डॉक्टरों की उपस्थति पर अस्पताल प्रशासन का नियंत्रण नहीं है.
सदर अस्पताल में ओपीडी से पहले दवा काउंटर बंद कर दिया जाता है. डॉक्टर को दिखा कर निकले मरीज जब कांउटर के पास दवा लेने जाते हैं तो वह बंद मिलता है. सोमवार को भी सदर अस्पताल में ऐसी ही अव्यवस्था देखने को मिली. यहां दोपहर 12 बजे करीब 30-40 मरीजों को दवा नहीं मिल पायी. मरीज दवा लेने के लिए इधर से उधर भटकते दिखे. नियम के अनुसार समय होते ही अस्पताल का दवा काउंटर बंद कर दिया गया, जबकि ओपीडी में डॉक्टर मरीजों को देख रहे थे. अहियापुर से पहुंची शबाना ने कहा कि बताया गया है कि दवा शाम में चार बजे मिलेगी.
मरीजों की भीड़ के कारण ओपीडी में डॉक्टर नियत समय से अधिक देर तक बैठते हैं, लेकिन दवा काउंटर अपने समय से बंद हो जाता है. इस कारण परेशानी आ रही है. जल्द ही इसका समाधान किया जायेगा.
डॉ ललिता सिंह, सिविल सर्जन