मुजफ्फरपुर: बीआरए बिहार विवि प्रशासन की ओर से चौबीस घंटे के भीतर हॉस्टल खाली करने के आदेश व जिला व पुलिस प्रशासन के दबाव का असर दिखने लगा है. गुरुवार की देर रात पीजी टू हॉस्टल में रह रहे छात्रों ने हॉस्टल खाली कर दिया. हालांकि पीजी वन व थ्री के छात्र अब भी हॉस्टल में जमे हुए हैं. देर शाम उन लोगों ने डॉ विवेकानंद शुक्ला से भी मुलाकात कर फैसला वापस लेने का अनुरोध किया. पर कुलसचिव ने सुरक्षा का हवाला देते हुए इससे इनकार कर दिया.
डर कर ना भगाये, सुरक्षा दें : दोपहर बारह बजे हॉस्टल अधीक्षक पंकज कुमार व डॉ ललन झा पीजी वन हॉस्टल पहुंचे. उन्होंने छात्रों को विवि के आदेश का हवाला देते हुए चौबीस घंटे के भीतर हॉस्टल खाली करने का निर्देश दिया. उनका कहना था कि जिला प्रशासन ने ग्यारह मार्च को पत्र लिख कर विवि प्रशासन को सुरक्षा दृष्टिकोण से हॉस्टल बंद करने का निर्देश दिया था. इसे देखते हुए विवि प्रशासन को यह फैसला लेना पड़ा. हॉस्टल में नक्सली परचा चिपकाये जाने की घटना के बाद यह जरूरी भी है. पर छात्र नहीं माने. उन्होंने कहा, सर धमकी से कब तक डरियेगा! हमें डर कर हॉस्टल से ना भगाये, बल्कि सुरक्षा दे. कल विवि कार्यालय में यदि कोई परचा चिपका दे तो आप विवि तो बंद नहीं कर देंगे!
पहले इनकार, फिर हुई वार्ता
दोपहर 12:20 बजे, छात्र सीनेटर मुकुल शर्मा के नेतृत्व में पीजी वन, थ्री व डय़ूक हॉस्टल के छात्र कुलपति से वार्ता के लिए प्रशासनिक भवन पहुंचे, पर कार्यालय के ग्रिल में ताला लगा हुआ था. काफी देर तक वे गेट पर इंतजार करते रहे. इस दौरान कर्मचारियों के माध्यम से कुलपति को संदेश भी भेजा गया, पर वे वार्ता के लिए तैयार नहीं हुए. इससे गुस्साये छात्र विवि थाना पहुंचे व वहां मौजूद एसडीओ पूर्वी व नगर डीएसपी के समक्ष कुलपति के व्यवहार पर आपत्ति जतायी. बाद में एसडीओ पूर्वी सुनील कुमार की पहल पर कुलपति ने सीनेटर मुकुल शर्मा को वार्ता के लिए आमंत्रित किया. दोनों पक्षों के बीच करीब आधे घंटे तक कुलपति कार्यालय के बंद कमरे में वार्ता हुई. इस दौरान मुकुल शर्मा ने विवि के निर्णय पर आपत्ति जताते हुए इसे डर कर लिया गया फैसला बताया. पर कुलपति सुरक्षा का हवाला देते हुए अपने फैसले पर अड़े रहे. हालांकि उन्होंने भरोसा दिलाया कि माहौल शांत होने के बाद छात्रों को वापस हॉस्टल में बुला लिया जायेगा.
वैध छात्रों की क्या गलती है?
कुलपति के साथ वार्ता विफल रहने के बाद छात्रों ने भी हॉस्टल नहीं खाली करने का फैसला लिया है. सीनेटर मुकुल शर्मा ने कहा, हॉस्टल से यदि सिर्फ अवैध छात्रों को निकालने का आदेश होता तो इसे समझा जा सकता था. पर जो वैध रूप से हॉस्टल में रह रहे हैं उनकी क्या गलती है, जो उन्हें निकाला जा रहा है. विवि में जल्द ही पीजी सेकेंड व फोर्थ सेमेस्टर की परीक्षा होनी है. ऐसे में छात्र परीक्षा की तैयारी करने के बजाये कहा जायें! छात्रों ने हॉस्टल खाली करने की टाइमिंग पर भी सवाल उठाये. उनका कहना था कि 15 से 18 मार्च तक होली की छुट्टी हैं. ऐसे में उस दौरान ही छुट्टी को बढ़ा कर छुट्टियों तक हॉस्टल खाली करने का आदेश दिया जा सकता था. पर छात्रों के साथ इस तरह का व्यवहार किया जा रहा है जैसे वे अपराधी हैं.