बिरौल/गौड़ाबौराम : मुंबई में रोजी-रोटी के लिए घर से कमाने गये करकौली निवासी सीआरपीएफ के एसआइ राज कुमार सहनी के पुत्रसॉफ्टवेयर इंजीनियर रोहित सहनी उर्फ पप्पू की लाश गांव पहुंचते ही कोहराम मच गया. शव पहुंचने की जानकारी मिलते ही कि आस-पास के लोग दौड़ पड़े. परिजनों की चीत्कार फूट पड़ी. माहौल कारूणिक हो गया. मालूम हो कि रोहित सहनी मुंबई में अपनी कम्पनी से गत 28 अप्रैल को भोजन करने होटल जा रहा था,
इस दौरान रास्ते में गोरे गांव गोकुल मालाड ईस्ट पर पूर्व से घात लगाये अपराधियों ने उस पर हमला कर दिया. पुराने विवाद को लेकर पांच-छह की संख्या में जुटे लोगों ने पीछे से अचानक सिर पर प्रहार कर दिया. पीट-पीट कर उसकी हत्या कर दी. इसकी खबर मुम्बई में ही अपनी कम्पनी खोल रखे बड़े भाई गोविंद को जैसे ही मिली घटना स्थल पर पहुंचे.
आनन-फानन में उसे इलाज कराने अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन इससे पूर्व ही उसने दम तोड़ दिया. हत्या की खबर से मातम में डूबे लोगों की भीड़ रविवार की सुबह से ही मृतक के घर पर उमड़ने लगी. दोपहर करीब दो बजे पटना से एम्बुलेंस से लाश घर पहुंचा. इसके साथ ही परिजनों की कारूणिक चीत्कार से वातावरण दहल उठा. माहौल गमगीन हो गया.
टूट गया पिता के सब्र का बांध. बहन पुष्पा कुमारी, मामा बलराम सहनी, कन्हैया सहनी व मृतक के ससुर बुधन सहनी का रो-रो कर बुरा हाल था. वहीं कलेजे पर पत्थर डाल खामोश पिता राज कुमार सहनी का धैर्य घर से बेटे की अर्थी निकलते देख जवाब दे गया. सब्र का बांध टूट गया. वे बिलख-बिलख कर रो पड़े. घर के बगल में अंतिम संस्कार कर दिया गया.
फिल्म निर्माण में भी रहा सक्रिय
मृतक तीन भाई एक बहन में दूसरे नम्बर पर था. बड़े भाई गोविंद सहनी, तीसरा भाई राहुल उर्फ बिट्टू एवं छोटी बहन पुष्पा कुमारी. स्थानीय लोगों के अनुसार मृतक का स्वभाव काफी अच्छा था. गांव में किसी से आज तक झगड़ा नहीं हुआ था. शुरू से ही सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने की तम्मना थी. अपनी मंजिल तो पा ली, लेकिन इसको इसमे मन नहीं
. अपने बड़े भाई के पास मुम्बई चला गया. इसी बीच उसका सम्पर्क हिंदी फिल्म के चर्चित डारेक्टर से हुआ. उसके साथ काम करने का मौका मिला और आर डायरेक्टर के असिसटेंट के रूप में काम करने लगा. रोहत करीब तीन वर्षों से मुम्बई में रह रहा था. होली में घर आया था. होली के बाद पुनः मुम्बई चला गया. अगले महीने मई में घर आने वाला था, लेकिन इसी बीच उसकी पीट-पीटकर हत्या कर दी गयी.
गर्भ में पल रहा शिशु हो गया अनाथ. एक वर्ष पूर्व बड़ी धूमधाम से मृतक की शादी दरभंगा जिला के लहेरियासराय थाना क्षेत्र के जमालपुरा भीगी बुधन सहनी के पुत्री निसि कुमारी से हुइ थी. पत्नी मुम्बई में चले जाने के बाद मायके में रह रही थी. घटना की सूचना मिलते ही अपने पिता के साथ ससुराल करकौली पहुंची. उसको क्या पता गर्भ में पल रहे बच्चे के सिर से पिता का साया व मांग की सिंदूर मिट जायेगी.
गांव के ही लोगों ने ही करवा दी हत्या.
कलकता में सीआरपीएफ में एसआइ के पद पर तैनात राज कुमार सहनी इस घटना से टूट चुके हैं. श्री सहनी ने आरोप लगाया है कि मेरे बेटे को यहां के लोगों ने साजिश के तहत हत्या करवा दी है. यदि दुश्मनी ही थी तो हमें मार देते. क्यों हमारे बेटे को मार दिया. मेरे बड़े बेटे की भी हत्या करवा देगा. उन्होंने बताया कि घटना से चार दिन पूर्व बेटे से मोबाइल पर बातचीत हुई थी. हमे रुपये की जरूरत होने पर मेरे खाता पर बेटे ने रुपये भेज था. बातचीत के दौरान अगले माह मई में घर आने की बात कही थी. इसी बीच में सुपाड़ी देकर मेरे बेटे की हत्या करवा दी गयी. यह यहीं के लोगों द्वारा करवायी गयी है.
मां व पत्नी की चीत्कार से नम हो गयीं सभी की आंखें
मृतक की मां गंगा देवी का रो-रो कर बुरा हाल था. कलेजा पीट-पीट कर रो रही मां के मुंह से बस एक ही बात निकल रही थी, हमर बाबू के केना मार देलकै हो भगवान, हमर बेटा के कोन कसूर छलै हो भगवान. पत्नी निशि देवी पति की लाश देखते ही सदमे में डूब गय. उसकी जुबान से बोल तक नहीं फूट पा रहे थे. अपने पति की लाश देख कर बार-बार बेहोश हो जा रही थी. जैसे ही होश आता, अपने पति की लाश पर लिपट कर बहोश हो जाती थी.
परिजनों की कारुणिक चीत्कार से गमगीन हो उठा माहौल