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डॉक्टरों ने माना संवादहीनता की वजह से हो रहीं घटनाएं

मुजफ्फरपुर : डॉक्टरों व मरीजों के परिजनों के बीच लगातार हो रही मारपीट शहर के लिए चिंता की बात है. सरकारी से लेकर निजी अस्पतालों में हर महीने मारपीट की एक घटना सामने आ रही है. बात-बात पर मरीज के परिजनों के उग्र होने तो कहीं निजी हॉस्पिटल से ज्यादा रुपये की मांग किये जाने […]

मुजफ्फरपुर : डॉक्टरों व मरीजों के परिजनों के बीच लगातार हो रही मारपीट शहर के लिए चिंता की बात है. सरकारी से लेकर निजी अस्पतालों में हर महीने मारपीट की एक घटना सामने आ रही है. बात-बात पर मरीज के परिजनों के उग्र होने तो कहीं निजी हॉस्पिटल से ज्यादा रुपये की मांग किये जाने पर बात मारपीट से लेकर तोड़फोड़ तक पहुंच रही है. हालांकि, इस पर नियंत्रण के लिए अस्पताल के आसपास रहनेवाले स्थानीय लोग व डॉक्टरों में संवाद नहीं है. दो दिन पूर्व एसकेएमसीएच में छात्रों, एंबुलेंसकर्मियों व स्थानीय लोगों की भिड़ंत ने पूरे सिस्टम पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है.

इसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है. इलाज के लिए पहुंचने वाले मरीज दूसरे की भिड़ंत में पिटाई खा कर जब लौटते हैं, तो वापस वहां जाने की उनकी हिम्मत नहीं होती. विडंबना यह है कि इसके निदान के लिए कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है. अपने-अपने स्वाभिमान में दोनों पक्ष आगे आने को तैयार नहीं हैं. हालांकि, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने दिन-ब-दिन बढ़ रही ऐसी घटनाओं पर चिंता जतायी है. आइएमए के उपाध्यक्ष डॉ सुरेश शर्मा कहते हैं कि गलतियां दोनों तरफ से होती हैं. इसके लिए सरकार भी दोषी है. इसके लिए संवाद होना बहुत जरूरी है. डॉक्टरों की बात भी आम लोग सुने व उनकी बात को डॉक्टर समझे. तभी इसका समाधान हो सकता है. एसकेएमसीएच में इसके लिए स्थानीय लोगों की एक कमेटी बननी चाहिए. इसकी हर महीने बैठक हो व समस्याओं पर चर्चा कर उसका निदान किया जाये.

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