राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र
Advertisement
लीची को फलवेधक कीट से बचाने का सुझाव
राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र ने जारी किया बुलेटिन मुशहरी : पुरबा हवा चलने और वर्षा से लीची की फसल में फलवेधक कीट का प्रकोप बढ़ सकता है. इससे बचाव के लिए राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र के निदेशक डॉ विशालनाथ ने किसानों के लिए बुलेटिन जारी किया है. उन्होंने किसानों को सुझाव दिया है कि 20 […]
ने जारी किया बुलेटिन
मुशहरी : पुरबा हवा चलने और वर्षा से लीची की फसल में फलवेधक कीट का प्रकोप बढ़ सकता है. इससे बचाव के लिए राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र के निदेशक डॉ विशालनाथ ने किसानों के लिए बुलेटिन जारी किया है. उन्होंने किसानों को सुझाव दिया है कि 20 से 30 अप्रैल के बीच लीची बगान में कार्य करें. निदेशक ने फल की गुणवत्ता बनाये रखने के लिए लीची बगानों में थियक्लोप्रिड आधा मिलीलीटर व लेमदासिलोथ्रिन आधा मिलीलीटर, एक लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करने की सलाह दी है. प्रभावी नियंत्रण के लिये 0.4 लीटर की दर से स्टिकर के इस्तेमाल की सलाह भी उन्होंने दी है.
बुलेटिन में कहा है कि यदि ऐसा मौसम लगातार बना रहता है तो दूसरा छिड़काव 10-12 दिनों के बाद अवश्य करें. फलों को को फटने से बचाने के लिये बोरेक्स 4 ग्राम प्रति लीटर पानी के घोल का छिड़काव अवश्य करें. बगीचे की नियमित सिंचाई करते रहें ताकि नमी बनी रहे. सिंचाई के साथ ही यूरिया 500 ग्राम, म्यूरेट ऑफ पोटाश 250 ग्राम प्रति पौधे के हिसाब से डालने को कहा है. उन्होंने कहा है कि किसानों को अगर कोई समस्या हो ताे केंद्र में आकर वैज्ञानिकों से सलाह ले सकते हैं.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement