मरीज, उसके परिजन, स्थानीय लोगों व राहगीरों की जम कर पिटाई की. इसके विरोध में स्थानीय लोगों ने एसकेएमसीएच को घेर लिया. इसके बाद दोनों पक्ष आमने-सामने आ गये. करीब चार घंटे तक एसकेएमसीएच परिसर सहित एक किलोमीटर का दायरा रणक्षेत्र में बदल गया. शिवहर जानेवाली सरकारी बस को भी क्षतिग्रस्त कर दिया और यात्रियों को बस से उतार कर जम कर पिटाई की.
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फूटा आक्रोश: एसकेएमसीएच में मरीज को भरती करने से इनकार के बाद बवाल,तोड़फोड़,मारपीट, आगजनी व फायरिंग
मुजफ्फरपुर: शिवहर की मरीज प्रमिला देवी को एसकेएमसीएच के जूिनयर डॉक्टरों ने भरती करने से इनकार िकया, तो परिजनों व डॉक्टरों के बीच बहस हो गयी. इसके बाद डॉक्टरों ने परिजनों को पीट िदया. इससे जो हंगामा शुरू हुआ. वह अगले 12 घंटे तक जारी रहा. इस जोर आजमाइश में लाखों रुपये की संपत्ति को […]
मुजफ्फरपुर: शिवहर की मरीज प्रमिला देवी को एसकेएमसीएच के जूिनयर डॉक्टरों ने भरती करने से इनकार िकया, तो परिजनों व डॉक्टरों के बीच बहस हो गयी. इसके बाद डॉक्टरों ने परिजनों को पीट िदया. इससे जो हंगामा शुरू हुआ. वह अगले 12 घंटे तक जारी रहा. इस जोर आजमाइश में लाखों रुपये की संपत्ति को नुकसान पहुंचा. हजारों लोग इलाज से वंिचत हुये. दो दर्जन से ज्यादा वाहनों को तोड़ िदया गया. 20 से ज्यादा लोग जख्मी हुये, िजनमें आठ की हालत गंभीर है. चार एंबुलेंस को फूंक िदया गया. कई गांव के लोग मौके पर जुट गये, िजसकी वजह से मेिडकल छात्रों को भागना पड़ा. हालांिक मारपीट की शुरुआत मेिडकल छात्रों ने की थी, िजन्होंने कुछ स्थानीय लोगों को बेरहमी से पीटा था. दो सौ जूनियर डॉक्टर व एमबीबीएस छात्र सड़क पर उतर कर उत्पात मचा रहे थे.
एमबीबीएस छात्रों के उपद्रव को देखते हुए स्थानीय लोग एकजुट हो गये. दो सौ से अधिक संख्या में लोग लाठी लेकर एमबीबीएस छात्रों की पिटाई करने एसकेएमसीच में घुसे. फिर दोनों ओर से पथराव होने लगा. इसमें करीब तीन दर्जन से अधिक लोग घायल हो गये. घटना की सूचना पर मौके पर पहुंची एक दर्जन से अधिक थानों की पुलिस को स्थिति को नियंत्रित करने में मशक्कत करनी पड़ी. पुलिस ने पहले लाठीचार्ज की, लेकिन स्थिति नियंत्रण नहीं होने पर हवाई फायरिंग की. शुक्रवार की दोपहर दो बजे डीएम धर्मेंद्र सिंह व एसएसपी विवेक कुमार छह सेक्शन फोर्स के साथ एसकेएमसीएच पहुंचे. इसके बाद एसकेएमसीएच की इमरजेंसी सेवा चालू हुई.
हंगामे की भेंट चढ़ा सरकारी एंबुलेंस
एमबीबीएस छात्रों की पिटाई से गुस्साये स्थानीय लोग इकट्ठा होकर उनसे भिड़ गये. स्थानीय लोगों ने एक सरकारी एंबुलेंस में आग लगा दी. दोनों ओर से हुई आगजनी व पथराव के दौरान 12 कारों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया. लोगों ने वहां खड़ी एक बाइक भी जला दी. करीब चार घंटे तक दोनों ओर से पथराव होता रहा. कभी छात्र स्थानीय लोगों को खदेड़ते, तो कभी स्थानीय लोग छात्रों को. पुलिस के लाठीचार्ज के बाद भी पथराव का क्रम जारी रहा. इस दौरान एमएमबीएस छात्रों ने एसकेएमसीएच से सटे गांवों में घुस कर लोगों की पिटाई कर दी. छात्रों ने पुलिस वाहनों को एक किमी दूर खदेड़ दिया. पुलिसकर्मियों ने एसएसबी कैंप में छिप कर जान बचायी.
यात्रियों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा
एमबीबीएस छात्रों ने मुजफ्फरपुर से शिवहर जा रही राज्य ट्रांसपोर्ट की बस को एसकेएमसीएच के पास रोक कर क्षतिग्रस्त कर दिया. वहीं बस में सवार यात्रियों को भी छात्रों ने नहीं बख्शा. कई यात्रियों को खेत में दौड़ा-दौड़ा कर पीटा गया. इससे कई को गंभीर चोटें भी आयीं, इनमें से कई यात्री ऐसे थे जो बस से सामान छोड़ कर उतरे थे, वे दुबारा बस से सामान भी नहीं उतार सके. यात्री भाग कर खेत के रास्ते दूसरी ओर रोड पर निकले. बस से उतारे जाने के बाद कई महिलाएं एसकेएमसीएच से दूर जाकर रोड किनारे बैठ गयीं. इतना ही नहीं, छात्रों ने मेडिकल कॉलेज से सटे गांवों में घुस कर भी लोगों की पिटाई की.
कोचिंग से लौट रहे छात्रों को भी नहीं बख्शा
मेडिकल छात्रों ने कोचिंग से पढ़ाई कर आ रहे दशम वर्ग के छात्रों को भी नहीं बख्शा. एसकेएमसीएच का मुख्य मार्ग जाम होने के कारण वे लोग एसकेएमसीएच परिसर से होते हुए अपने घर की ओर जा रहे थे. एमबीबीएस छात्रों ने इन छात्रों की बेरहमी से पिटाई कर दी. सभी छात्र रोते हुए भागे. इस दौरान एसकेएमसीएच के अन्य कर्मी व सुरक्षा गार्ड मूकदर्शक बने रहे. जम कर हंगामा करने के बाद सभी छात्र अपने हॉस्टल में चले गये.
मरीज के परिजनों की पिटाई के बाद हुआ हंगामा
हंगामे की शुरुआत गुरुवार की रात 1:15 बजे हुई. शिवहर की प्रमिला देवी को लेकर उसके परिजन एसकेएमसीएच पहुंचे थे. जूनियर डॉक्टर ने मरीज को देखा. करीब 10 मिनट बाद सीनियर डॉक्टर ने भी मरीज को देखा. प्रमिला देवी पटना के पारस हॉस्पिटल से लौट कर आयी थी. वहां उसे ऑपरेशन के लिए कहा गया था. मरीज के परिजन उसे भरती करने के लिए कह रहे थे, जबकि जूनियर डॉक्टर भरती के लिए तैयार नहीं थे. उनका कहना था कि पारस हॉस्पिटल से लौट कर आनेवाले मरीज की भरती नहीं होगी. इस बात पर परिजनों व डॉक्टरों के बीच विवाद होने लगा. इसी बीच एक जूनियर डॉक्टर ने प्रमिला के परिजन की पिटाई कर दी. इसी दौरान इमरजेंसी में दुर्घटनाग्रस्त परिजन को लेकर कुछ स्थानीय लोग अस्पताल पहुंचे थे. जूनियर डॉक्टरों ने उनकी भी पिटाई कर दी. शुक्रवार की सुबह जब एक जूनियर डॉक्टर एसकेएमसीएच के पास मसजिद चौक पर गया, तो स्थानीय लोगों ने उसकी पिटाई कर दी. इसके बाद जूनियर डॉक्टरों ने इमरजेंसी व ओपीडी सेवा ठप कर दी. इसके बाद एमबीबीएस छात्र लाठी लेकर उतर गये और चार घंटे तक एसकेएमसीएच व आसपास के परिसर को रणक्षेत्र बना दिया.
मरीज के परिजनों की पिटाई से शुरू हुए हंगामे ने िलया उग्र रूप
हंगामे की शुरुआत गुरुवार की रात 1:15 बजे हुई. शिवहर की प्रमिला देवी को लेकर उसके परिजन एसकेएमसीएच पहुंचे थे. जूनियर डॉक्टर ने मरीज को देखा. करीब 10 मिनट बाद सीनियर डॉक्टर ने भी मरीज को देखा. प्रमिला देवी पटना के पारस हॉस्पिटल से लौट कर आयी थी. वहां उसे ऑपरेशन के लिए कहा गया था. मरीज के परिजन उसे भरती करने के लिए कह रहे थे, जबकि जूनियर डॉक्टर भरती के लिए तैयार नहीं थे. उनका कहना था कि पारस हॉस्पिटल से लौट कर आनेवाले मरीज की भरती नहीं होगी. इस बात पर परिजनों व डॉक्टरों के बीच विवाद होने लगा. इसी बीच एक जूनियर डॉक्टर ने प्रमिला के परिजन की पिटाई कर दी. इसी दौरान इमरजेंसी में दुर्घटनाग्रस्त परिजन को लेकर कुछ स्थानीय लोग अस्पताल पहुंचे थे. जूनियर डॉक्टरों ने उनकी भी पिटाई कर दी. शुक्रवार की सुबह जब एक जूनियर डॉक्टर एसकेएमसीएच के पास मसजिद चौक पर गया, तो स्थानीय लोगों ने उसकी पिटाई कर दी. इसके बाद जूनियर डॉक्टरों ने इमरजेंसी व ओपीडी सेवा ठप कर दी. इसके बाद एमबीबीएस छात्र लाठी लेकर उतर गये और चार घंटे तक एसकेएमसीएच व आसपास के परिसर को रणक्षेत्र बना दिया.
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