गड़बड़ Â सिकंदरपुर व माड़ीपुर पीएसएस में कई बार हो चुकी है शराब पार्टी, शामिल होते हैं अधिकारी व ठेकेदार
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एस्सेलकर्मियों का सेफ जोन बना सब स्टेशन
गड़बड़ Â सिकंदरपुर व माड़ीपुर पीएसएस में कई बार हो चुकी है शराब पार्टी, शामिल होते हैं अधिकारी व ठेकेदार मुजफ्फरपुर : एस्सेल के अधीन काम करने वाले वेंडर या ठेकेदार शाम में पावर सब स्टेशन में अधिकारियों के साथ बैठ कर दिनभर की थकान को दूर करते हैं. इस दौरान अगले दिन की कार्ययोजना […]
मुजफ्फरपुर : एस्सेल के अधीन काम करने वाले वेंडर या ठेकेदार शाम में पावर सब स्टेशन में अधिकारियों के साथ बैठ कर दिनभर की थकान को दूर करते हैं. इस दौरान अगले दिन की कार्ययोजना बनती है.
शराबबंदी के बाद शहर का विद्युत पावर सब स्टेशन (पीएसएस) शराबियों का अड्डा बन गया है. एस्सेल के अधीन काम करने वाले जो वेंडर या ठेकेदार हैं, शाम में जब काम से फ्री होते हैं, तब ये लोग विद्युत पावर सब स्टेशन में ही एस्सेल की मॉनीटरिंग करने वाले अधिकारियों के साथ बैठ कर दिनभर की थकान को दूर करने के लिए शराब पीते हैं. इस दौरान अगले दिन की कार्ययोजना बनती है. मिस्कॉट में भी बुधवार की शाम कुछ ऐसा ही हुआ था. बताया जाता है कि जब से शराबबंदी लागू हुआ, तब से अबतक दर्जनों बार मिस्कॉट में शराब की पार्टी हो चुकी है, लेकिन कानोंकान इसकी खबर आज तक किसी को नहीं लगी.
सूत्रों के मुताबिक जिन लोगों का नाम केस में है, इनमें से दो को छोड़ बाकी लोग अक्सर शराब की पार्टी में शामिल होते थे. कई बार ऑपरेटर एवं अन्य कर्मियों ने इसका विरोध भी किया, लेकिन इसका असर नहीं हुआ. हालांकि, जब मामला खुला और कंपनी की बदनामी हुई, इसके बाद एस्सेल ने एक इंटरनल कमिटी बना कर पूरे प्रकरण की जांच शुरू करा दी है. जांच के दौरान कई ऐसे साक्ष्य मिलने की बात कही जा रही है, जो चौंकाने वाले हैं. कंपनी उन साक्ष्यों की बारीकी से जांच-पड़ताल में जुटी है.
जेनेरेटर संचालक उपलब्ध कराते थे शराब
मिस्कॉट पावर सब स्टेशन में पिछले छह माह से लगातार पार्टी चलती थी. अधिकांश पार्टी वेंडर एवं आसपास के जेनेरेटर संचालकों की ओर से होती थी. इन लोगों की कंपनी के अधिकारियों के साथ एक ही शर्त होती थी, शाम के वक्त बिजली की कटौती करना. ताकि, जेनेरेटर से उनकी अच्छी कमाई हो सके. संचालकों की इस शर्त पर जो भी इंजीनियर या फिर कर्मचारी उतरते हैं, अगले दिन उनकी पार्टी पक्की हो जाती है. गुरुवार को जब प्रभात खबर की टीम मिस्कॉट पावर सब स्टेशन में पहुंची, तो आसपास के कई जेनेरेटर संचालक सब स्टेशन में हाल-समाचार जानने पहुंचे थे, लेकिन जैसे ही कैमरा चमकते देखा, वे लोग वहां से नौ दो ग्यारह हो गये. सवाल-जवाब किया गया, तो कई लाइनमैन ने इस पर मुहर लगाने का काम किया. हालांकि, हाजत में बंद इंजीिनयरों से जब इस संबंध में पूछा गया तो उन्होंने चुप्पी साध ली.
पीएसएस में शराब पीने की घटना निंदनीय है. कंपनी इंटरनल टीम बना सच्चाई जानने की कोशिश में लगी है. ऐसे प्रारंभिक जांच में दोषी मानते हुए अभी हेड ऑफिस से कार्रवाई की गयी है. कंपनी की इंटरनल जांच टीम की रिपोर्ट आने के बाद इस मामले में और जितने भी लोग शामिल होंगे. ठेकेदार हो या फिर कंपनी के कर्मचारी. किसी को बख्सा नहीं जायेगा. कंपनी जांच एजेंसी घटनाक्रम की गहराई से जांच-पड़ताल करेगी.
राजेश कुमार चौधरी, पीआरओ एस्सेल
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