पहल महिला विकास निगम ने डीपीओ के माध्यम से जिलाधिकारी से की अनुशंसा
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महिला उत्पीड़न से निबटेंगी दो कमेटियां
पहल महिला विकास निगम ने डीपीओ के माध्यम से जिलाधिकारी से की अनुशंसा मुजफ्फरपुर : कमेटियों को महिला उत्पीड़न की शिकायत का 90 दिनों में निबटारा करना है. आरोप गलत होने पर शिकायतकर्ता महिला पर भी कानूनी कार्रवाई होगी. आप महिला हैं. पुरुष सहकर्मियों के साथ एक ही दफ्तर में काम करती हैं. अगर वो […]
मुजफ्फरपुर : कमेटियों को महिला उत्पीड़न की शिकायत का 90 दिनों में निबटारा करना है. आरोप गलत होने पर शिकायतकर्ता महिला पर भी कानूनी कार्रवाई होगी.
आप महिला हैं. पुरुष सहकर्मियों के साथ एक ही दफ्तर में काम करती हैं. अगर वो आपको गंदी निगाह से देखते हैं, तो अब डरने की जरूरत नहीं है. महिला विकास निगम महिला उत्पीड़न से निबटेगा और दोषियों को सजा दिलाएगा. इसके लिए जिला परियोजना प्रबंधक (डीपीएम) प्रेम प्रकाश ने दो कमेटियों के गठन के लिए डीएम धर्मेंद्र सिंह को डीपीओ मो. कबीर के माध्यम से अनुशंसा की है. डीएम की स्वीकृति मिलते ही दोनों कमेटियां विधिवत काम करने लगेंगी.
डीपीएम प्रेम प्रकाश ने बताया कि आये दिन सरकारी व गैर सरकारी और संगठित व असंगठित संस्थानों में महिलाकर्मियों के साथ उत्पीड़न के मामले सामने आते हैं. लेकिन महिलाकर्मी लोक व लज्जा की वजह से चुप रहती हैं. इससे निबटने के लिए महिला विकास निगम के तत्वावधान में दो कमेटियों का गठन होगा. इसके लिए डीपीओ के माध्यय से डीएम को अनुशंसा की गयी है. जिला स्तर आंतरिक शिकायत निवारण कमेटी और स्थानीय शिकायत निवारण कमेटी का गठन होगा. डीपीएम ने बताया कि अगर कमेटी की जांच के दौरान महिला का आरोप गलत साबित हुआ, तो कमेटी उक्त महिला के खिलाफ कार्रवाई करेगी. प्रावधान के तहत छह माह तक का जेल भी हो सकता है.
आंतरिक शिकायत निवारण कमेटी :
डीपीएम ने बताया कि जिस कार्यालय में दस से अधिक संख्या में पुरुष व महिला कर्मचारी काम करते हैं, वैसे कार्यालय आंतरिक कमेटी के अधीन आयेंगे. इसके अध्यक्ष एक एनजीओ के अधिकारी होंगे. उनका चयन महिला विकास निगम करेगी. इसकी चार सदस्यीय बोर्ड होगी, जो महिलाओं की शिकायत की सुनवाई से लेकर निराकरण का काम करेगी. बोर्ड को 90 दिनों में सुनवाई कर फैसला सुनाना है.
स्थानीय शिकायत निवारण कमेटी :
जिन कार्यालयों में दस से कम कर्मी काम करते हैं, वैसे कार्यालय के लिए स्थानीय शिकायत निवारण कमेटी का गठन होगा. डीपीएम ने बताया कि इसके अध्यक्ष डीएम होंगे. शिकायत महिला विकास निगक के माध्यम से ही डीएम के पास जायेगी. इसकी भी सुनवाई 90 दिनों में पूरी करनी है. शिकायतकर्ता की पहचान को लेकर कमेटी पूर्णत: गोपनीयता बरतेगी.
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