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चिकन पॉ‌क्स से बच्ची की मौत के बावजूद नहीं जागा विभाग

गरमी के साथ ही लगातार बढ़ रहे मरीज, ग्रामीण क्षेत्रों में नहीं लगाया गया कैंप मुजफ्फरपुर : जिले में चिकन पॉक्स से एक बव्ची की मौत के बाद भी स्वास्थ्य विभाग ने उसकी सुधि नहीं ली है. मोतीपुर के बरुराज निवासी सुरेश राय की 15 वर्षीया पुत्री मुन्नी कुमारी की मौत दो दिन पूर्व इस […]

गरमी के साथ ही लगातार बढ़ रहे मरीज, ग्रामीण क्षेत्रों में नहीं लगाया गया कैंप

मुजफ्फरपुर : जिले में चिकन पॉक्स से एक बव्ची की मौत के बाद भी स्वास्थ्य विभाग ने उसकी सुधि नहीं ली है. मोतीपुर के बरुराज निवासी सुरेश राय की 15 वर्षीया पुत्री मुन्नी कुमारी की मौत दो दिन पूर्व इस बीमारी से हो गयी थी. इस क्षेत्र में चिकन पॉक्स का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है, बावजूद स्वास्थ्य विभाग ने यहां मेडिकल टीम भेज कर मरीजों की जांच नहीं की है. यहां सोनी सोनी, गुड़िया, शारदा देवी, विजय राय, अक्षय कुमार सहित कई दर्जन लोग चिकन पॉक्स से पीड़ित हैं. इसके अलावा विभिन्न प्रखंडों से भी चिकन पॉक्स के मरीज बढ़ते जा रहे हैं. जैसे-जैसे गरमी बढ़ती जा रही है, मरीजों की संख्या में भी वृद्धि हो रही है.
चिकेन पॉक्स का वैक्सीन नहीं होने के कारण इस पर नियंत्रण नहीं हो पा रहा है. स्वास्थ्य विभाग भी बीमारी के प्रकोप को देखते हुए कोई व्यवस्स्था नहीं की है. ग्रामीण क्षेत्रों में मरीजों की जांच विशेष मेडिकल कैंप की आेर से नहीं की जा रही है. कई क्षेत्रों में तो बुखार व चिकेन पॉक्स के मरीज पीएचसी में भी नहीं पहुंच पा रहे हैं. डॉक्टरों का कहना है कि इसके रोकथाम के लिए सफाई बहुत जरूरी है. शुद्ध पेयजल व गंदगी से दूर रह कर हम इस बीमारी से बच सकते हैं. चिकन पॉक्स होने पर मरीजों की देखभाल करना जरूरी है.
बढ़ रहा प्रकोप, अब तक मेडिकल टीम का गठन नहीं
चिकन पॉक्स बीमारी का कारण
चिकन पॉक्स वेरीसेल्ला जोस्टर वायरस से फैलने वाली एक संक्रामक बीमारी का नाम है. इसको हम छोटी माता के नाम से भी जानते हैं. यह अक्सर बच्चों में पाया जाने वाला एक संक्रमण रोग है. यह एक ऐसा रोग है जो बच्चों का बिना उपचार किये भी ठीक हो जाता है. लेकिन इससे कई बच्चे कमज़ोर होते हैं जिसके कारण वो निमोनिया के शिकार हो जाते हैं. यह मसूर के दाने के समान और छोटी-छोटी लाल रंग की फुंसी होती है जो हमारे पूरे शरीर में फैल जाती है. इसके लक्षण 10 से 21 दिनों के अंदर नजर आने लगते हैं.
बीमारी के लक्षण
सबसे पहले पैरों व पीठ में हल्की हल्की दर्द व बुख़ार होना.
खांसी, भूख कम लगना, सिर दर्द, थकावट व उल्टी आना
शरीर में खुजली होने के साथ लाल
रंग के दाने निकल आना
मुंह के अंदर, आंखों के पास छोटी-छोटी फुंसी निकल आना
चिकन पॉक्स वाले व्यक्ति को अगर पारासिटामोल लेना हो, तो पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लें.
खुजली अधिक हो रही है तो खारिश न करें बल्कि डॉक्टर से मिल कर दवा लें
जिनको चिकन पॉक्स हो, उसके शरीर पर चंदन का लेप लगाते हैं तो उो ठंडक मिलती है और खुजली कम होती है
नीम के पत्तों को बिस्तर पर बिछाने से चिकन पॉक्स वाले व्यक्ति को राहत मिलती है
बच्चों में पानी की कमी न हो, इसलिए उन्हें तरल पदार्थ अधिक मात्रा में देना चाहिए
बीमार व्यक्ति को फल, दूध, दलिया, खिचड़ी जैसे तरल पदार्थ देने चाहिए

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