उन्होंने कहा कि बच्चों को केवल पैकेज मशीन नहीं बनाएं. उन्हें बेहतरीन शिक्षा के साथ सामाजिक ज्ञान भी दें. समाज, सरकार व निजी क्षेत्र को मिलाकर एक कमेटी बनानी चाहिए. इससे विकास होगा. लोग साथ मिलकर काम करेंगे, तो जो जिस क्षेत्र में मजबूत होगा, वह अपना याेगदान इसमें करेगा.
पूर्व केंद्रीय मंत्री राम कृपाल सिन्हा ने कहा कि शिक्षा की बेहतरी के लिए सब एक साथ खड़े हों, जिससे युवा पीढ़ी को एक सशक्त शिक्षा दी जा सके. मुख्य वक्ता डॉ प्रमोद कुमार सिंह ने कहा कि शिक्षा व्यवस्था बेपटरी हो गयी है. इसमें सुधार के लिए बुद्धजीवियों को सोचना होगा. हम अपनी जड़ों से हट रहे हैं. इसलिए समस्याएं बहुत हैं. हम निजीकरण से भागते हैं, जबकि पुराने लाेगों ने इसे बढ़ाया.
बीआरए बिहार विवि के वीसी डॉ अमरेंद्र नारायण यादव ने कहा कि विवि हित में जो भी काम होगा, वह किया जायेगा. हम हमेशा ज्ञान देते रहे है. जहां कंपीटिशन नहीं होगा, वहां ग्रोथ नहीं होगा. 21वीं सदी कंपीटिशन का है. रजिस्ट्रार डॉ एके श्रीवास्तव ने कहा कि शिक्षा के विकास के लिए हमें नैतिक बल की जरूरत है. गांधीजी ने अंतिम व्यक्ति की बात कही थी. इस पर काम करना होगा.
संगोष्ठी को नगर विधायक सुरेश शर्मा, सिंडिकेट सदस्य डॉ हरेंद्र कुमार ने भी संबोधित किया. अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए सीसीडीसी डॉ तारण राय ने शिक्षा पर विशेष बल दिया. कार्यक्रम का संचालन डॉ संगीता सिन्हा ने किया.