मुजफ्फरपुर : नाबालिग के साथ हुए दुष्कर्म मामले की सुनवाई कर रहे पाॅक्सो कोर्ट के विशेष न्यायाधीश एसएन ठाकुर ने दोषी पाते हुए मीनापुर थाना क्षेत्र के कलियुगी मामा अंकित कुमार को पाॅक्सो की धारा-6 में आजीवन कारावास व 25 हजार रुपये अर्थदंड एवं भादवि की धारा-450 में पांच वर्ष, धारा-342 में छह वर्ष की […]
मुजफ्फरपुर : नाबालिग के साथ हुए दुष्कर्म मामले की सुनवाई कर रहे पाॅक्सो कोर्ट के विशेष न्यायाधीश एसएन ठाकुर ने दोषी पाते हुए मीनापुर थाना क्षेत्र के कलियुगी मामा अंकित कुमार को पाॅक्सो की धारा-6 में आजीवन कारावास व 25 हजार रुपये अर्थदंड एवं भादवि की धारा-450 में पांच वर्ष, धारा-342 में छह वर्ष की सजा सुनायी है.
वहीं अर्थदंड की राशि पीड़ित का भुगतान करने का आदेश दिया है. पीड़िता प्रतिकर सहायता राशि स्कीम के तहत मिलने वाले लाभ के लिए न्यायालय ने जिला विधिक सेवा प्राधिकार को पत्र भेजा है. न्यायालय में विशेष लोक अभियोजक नरेंद्र कुमार ने कुल छह गवाहों को पेश किया.
ये है मामला : मीनापुर थाना क्षेत्र के एक गांव में दस वर्षीय नाबालिग के साथ उसके पड़ोस के मामा ने उस समय दुष्कर्म किया, जब वह घर में अकेली थी. इसके बाद पीड़िता के पिता ने अंकित के विरुद्ध मीनापुर थाने में मामला दर्ज कराया था. पुलिस को दिये बयान में पीड़िता के पिता ने बताया था कि हम पत्नी के साथ जल चढ़ाने 25 जुलाई, 2014 को घर से बाहर गये हुए थे. घर में केवल बच्चे एवं बच्ची थी. जब जल चढ़ा कर 29 जुलाई, 2014 को घर लौटे, तो मेरी दस वर्षीय पुत्री ने बताया कि 26 जुलाई, 2014 की शाम खाना बना रही थी. घर का दरवाजा खुला था तो अंकित मामा आये और बोले कि भगिनी पानी पिलाओ. तब मैं खाना बनाना छोड़ कर उनके लिए पानी लाने गयी. इसी बीच वो किवाड़ लगा लिया और मेरे साथ गलत काम करने लगा.
मैं जब चिल्लाने लगी तो मेरी छोटी बहन मुझे बचाने आयी. उसे वो धक्का मारकर गिरा दिया और जब मैं बेहोश हो गयी, तो वो भाग गये.