अनियमित वेतन भुगतान के मामले में शिक्षा विभाग (प्रशासन) सह अपर सचिव ने पिछले सप्ताह डीपीओ नीता पांडेय को निलंबित कर दिया है. उन पर फर्जी टीइटी शिक्षकों को वेतन भुगतान सहित अन्य मामले में विभाग ने तत्कालीन प्रभारी डीपीओ स्थापना नीता पांडेय को दोषी माना था. नवंबर में ही उनसे स्थापना का प्रभार वापस ले लिया गया. तब से वह अपने मूल शाखा प्रारंभिक शिक्षा व सर्वशिक्षा अभियान में काम करती रहीं, जबकि पीओ जियाउल होदा खां को स्थापना का प्रभारी बनाया गया. दिसंबर के दूसरे पखवारे में सरकार की ओर से मानव शृंखला को लेकर दबाव बढ़ा तो डीइओ ने नीता पांडेय को साक्षरता का अतिरिक्त प्रभार भी दे दिया. इस बीच अनियमितता का मामला विभाग के गले की फांस बना रहा.
आरोपों के दायरे में विभाग के बड़े अधिकारी भी फंसने लगे. मामला विधानसभा तक पहुंचा, जिसके चलते उनको निलंबित करना पड़ा. डीइओ ने निलंबित डीपीओ नीता पांडेय को निर्देशित किया है कि अपना प्रभार संबंधित पदाधिकारियों को सौंप दें.