सीए बोले :
- घर-घर पहुंचायेंगे बापू के विचार
- लोगों को गांधी का नाम पसंद, लेकिन विचार नहीं
- गांधीजी के विचारों से बदलेगा देश और समाज
- अभी देश के सामने पर्यावरण के रूप में बड़ा खतरा
- हमने लोहिया, जेपी व कर्पूरी के विचारों को आगे बढ़ाया
- गंगा की अविरलता को बनाये रखा जाना जरूरी
- साल भर प्रदेश सरकार मनायेगी चंपारण शताब्दी समारोह
- दस अप्रैल को पटना से होगी शुरुआत, मोतिहारी में भी आयोजन
II मोतिहारी से शैलेंद्र II
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज सर्व सेवा संघ द्वारा आयोजित तीन दिवसीय चंपारण सत्याग्रह शताब्दी सम्मेलन का उद्घाटन किया. यह सम्मेलन मोतिहारी के मुंशी सिंह महाविद्यालय में हो रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा है कि चंपारण सत्याग्रह के शताब्दी वर्ष में हम घर-घर बापू के विचारों को फैलायेंगे. बड़े से लेकर एक सौ आबादी वाले मोहल्लों तक हर घर में बाबू के विचारों के साथ दस्तक देंगे. इसके लिए पूरे साल भर की कार्य योजना तैयार की गयी है. इसकी शुरुआत 10 अप्रैल को पटना से होगी. इसमें दो दिन का विमर्श रखा गया है. इसके बाद 15 अप्रैल को चंपारण स्मृति यात्रा निकलेगी. 17 अप्रैल को देशभर के स्वतंत्रता सेनानियों का पटना में सम्मान किया जायेगा. मुख्यमंत्री सर्व सेवा संघ की ओर से आयोजित तीन दिवसीय चंपारण सत्याग्रह शताब्दी सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में बोल रहे थे.

मुख्यमंत्री ने अपने वक्तव्य की शुरुआत पर्यावरण से की. उन्होंने कहा कि किसी भी कीमत पर गंगा की अवरिलता को बनाया जाना चाहिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि हम किसी बांध के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन गंगा की अविरलता को बनाये रखने के लिए बड़े फैसले लेने पड़े, तो लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि फरक्का के बाद किस तरह से गंगा में सिल्ट जमा है, जिससे गंगा नदी की गहराई कम हुई है. अगर हम समय से नहीं कदम उठायेंगे, तो आनेवाले समय में बड़े संकट का सामना करना पड़ेगा. मुख्यमंत्री ने केंद्र की नमामि गंगे परियोजना और यूपीए सरकार की ओर से गंगा की सफाई के लिए किये गये प्रयासों का जिक्र भी किया.
मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी लोगों को महात्मा गांधी पसंद हैं, लेकिन उनके विचारों पर लोग नहीं चलना चाहते हैं. हम प्रचार और शोर-शराबे में विश्वास नहीं रखते हैं. हम काम करना चाहते हैं. समाज में दोनों धारायें हैं, लेकिन हम अगर 10 फीसदी लोगों को भी गांधी के विचारों से जोड़ लेते हैं, तो बड़ा सामाजिक परिवर्तन होगा. उन्होंने कहा कि इसके लिए राज्य सरकार ने कार्यक्रम बनाये हैं. गांधी जी के विचारों पर आधारित फिल्म दिखायी जायेगी. स्कूलों में प्रार्थना के बाद गांधी जी के विचारों के बारे में छात्र-छात्राओं को बताया जायेगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि चंपारण सत्याग्रह से पहले आजादी की लड़ाई चल रही थी, लेकिन यहां से आजादी की लड़ाई को नया मोड़ मिला और इसके तीस साल बाद देश आजाद हो गया.
मुख्यमंत्री ने इसके बाद प्रदेश में लागू शराबबंदी की चर्चा की. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने पिछले दस सालों में जो काम किये हैं. वो बापू, लोहिया, जेपी और कर्पूरी के विचारों से प्रभावित होकर किया है. शराबबंदी करके हमने गांधी जी के एक सपने को साकार किया है. हमने सिर्फ शराबबंदी ही नहीं की, उससे पहले दो महीने का विशेष अभियान भी चलाया, जिसमें एक करोड़ से ज्यादा लोग जुड़े थे. इसी साल नशामुक्ति को लेकर बनायी गयी मानव शृंखला में दो करोड़ लोगों के शामिल होने का लक्ष्य था, लेकिन उसमें चार करोड़ लोगों ने भाग लिया.

मुख्यमंत्री ने गुरु गोविंद सिंह के 350 प्रकाश वर्ष का जिक्र भी किया. साथ ही भगत सिंह की शहादत का जिक्र भी किया. साथ ही लोहिया जी के विचारों की भी चर्चा की. कहा कि वह 1967 का दौर था, जब हम पढ़ते थे. उस समय मैंने केवल एक बार लोहिया को सुना था. सम्मेलन में आये अतिथियों का स्वागत सेवा संघ के अध्यक्ष महादेव विद्रोही ने किया. अध्यक्षता रामजी सिंह व संचालन रमेश पंकज ने किया. मंच पर गांधी जी के प्रपौत्र तुषार गांधी, मेधा पाटकर, स्वामी अग्निवेश, एसएन सुब्बाराव, बीबी राजगोपाल, गांधी स्मारक समिति के सचिव ब्रजकिशोर सिंह, जल पुरुष राजेंद्र सिंह, बीआरए बिहार विवि के कुलपति अमरेंद्र नारायण यादव आदि उपस्थित थे. धन्यवाद ज्ञापन एमएस कॉलेज के प्राचार्य एचएन ठाकुर ने किया.
गांधी के विचारों से दूर होगी असहिष्णुता
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज पूरी दुनिया दो विचारधाराओं में बंट गयी है. अमेरिका में कुछ हो रहा है. अपने देश में देख लीजिए. जर्मनी में नाजी पार्टी के फिर से जीवंत करने की बात हो रही है. पाकिस्तान में शाह कलंदर के मजार पर हमला क्या संदेश देता है? लंदन में संसद पर हमले का प्रयास हुआ है. असहिष्णुता लगातार बढ़ रही है. इसका हल गांधी जी के विचारों में है.
देश और समाज के लिए बनायें कार्यक्रम
मुख्यमंत्री ने पटना में होनेवाले गांधी जी के विचारों पर राष्ट्रीय विमर्श में भाग लेने के लिए लोगों को आमंत्रित किया और कहा कि आप लोग वहां आयें. दो दिवसीय विमर्श केवल वक्तव्यों तक सीमित नहीं हो. हम चाहते हैं कि कोई ऐसा कार्यक्रम बने, जो देश और समाज के काम आये.
हर दौर में नायक और खलनायक
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर हम सब लोग संवेदनशील हो गये, तो हम मानते हैं कि दस से बीस साल में देश की तसवीर बदल जायेगी, लेकिन सबको समझा लेना संभव नहीं है. कुरदत ने इनसान को गढ़ा है. किसी भी दौर को याद करें. हर तरह से लोग रहे हैं. नायक भी रहे हैं और खलनायक भी रहे हैं. ये प्राकृतिक चीज है. इससे घबराने की जरूरत नहीं है. हमें अपना काम करना चाहिये.
गरीबी-अमीरी के बीच की दूरी बड़ा खतरा
महत्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी ने अपने संबोधन में शराबबंदी की तारीफ की और इसे पूरे देश के लिए अनुकरणीय बताया. उन्होंने कहा कि शराबबंदी कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बापू के सपने को साकार किया है. उन्होंने कहा कि आज जिस तरह से गरीबों और अमीरों के बीच की दूरी बढ़ रही है. देश की सीमा के खतरे से भी बड़ी है. इसे हमें दूर करना होगा.
शिक्षा पर खर्च बढ़ा किया अच्छा काम
प्रदेश के शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी ने शराबबंदी को ऐतिहासिक बताया. साथ ही प्रदेश सरकार की ओर किये जा रहे कामों की चर्चा की. उन्होंने कहा कि जब देश में सरकारें शिक्षा के बजट को कम कर रही हैं, तो हमारी सरकार ने पढ़ाई पर खर्च को बढ़ाया है. हम बुनियादी स्कूलों की हालत को फिर से सुधारेंगे. शिक्षा मंत्री ने कहा कि देश में आज दूसरी विचारधारा के लोग सत्ता में हैं, लेकिन उन्हें भी गांधीजी के विचारों पर लौटना पड़ेगा.