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सहायक व रजिस्ट्रार ने दबा रखी थी प्रोसिडिंग
मुजफ्फरपुर : विवि में पूर्व के अधिकारियों के कार्यों की समीक्षा के साथ उनके करतूतें भी सामने आने लगी है. मामला सीनेट की प्रोसिडिंग से जुड़ा हुआ है. 19 मार्च 2016 को सीनेट की बैठक हुई थी. लेकिन बैठक की अध्यक्षता करनेवाले तत्कालीन वीसी डॉ पंडित पलांडे का हस्ताक्षर ही नहीं है. 2017 में सीनेट […]
मुजफ्फरपुर : विवि में पूर्व के अधिकारियों के कार्यों की समीक्षा के साथ उनके करतूतें भी सामने आने लगी है. मामला सीनेट की प्रोसिडिंग से जुड़ा हुआ है. 19 मार्च 2016 को सीनेट की बैठक हुई थी. लेकिन बैठक की अध्यक्षता करनेवाले तत्कालीन वीसी डॉ पंडित पलांडे का हस्ताक्षर ही नहीं है.
2017 में सीनेट की बैठक कराने के लिए वीसी व रजिस्ट्रार की ओर से पुराने प्रोसिडिंग की खोजबीन में उक्त मामले का खुलासा हुआ है. हालांकि, मामला गंभीर होने के कारण विवि प्रशासन पूरे प्रकरण से दो दिनों के भीतर राजभवन को अगवत करायेगा. इसके बाद आगे का निर्णय लिया जायेगा. बता दें कि पिछले सीनेट में कई ऐसे एजेंडा शामिल था. जिसे बिना मंजूरी के लागू कर दिया गया है. इसमें कॉलेजों की संबद्धता से लेकर कई अन्य फाइनेंसियल एजेंडा शामिल है.
सहायक व रजिस्ट्रार की कार्यशैली पर सवाल : पूरे प्रकरण में सेक्शन सहायक व रजिस्ट्रार की लापरवाही उजागर हुयी है. पूर्व वीसी पंडित पलांडे इससे संबंधित टिप्पणी भी संचिका पर किये हुए हैं.
बताया जाता है कि बैठक के 43वें दिन बाद सेक्शन सहायक ने प्रोसिडिंग को रजिस्ट्रार के यहां रिसीव कराया. तत्कालीन रजिस्ट्रार ने अपने पास पांच माह तक संचिका को दबा कर रखा था. 20 अगस्त 2016 को जब वीसी के यहां संचिका गयी, तब वीसी ने सवाल खड़ा करते हुए पूछ दिया कि इतने दिनों बाद यह संचिका मेरे पास क्यों आ रही है. इस बीच संचिका कहां और क्यों पड़ी हुई थी? संबंधित अधिकारी व कर्मचारी जवाब देने के बजाय संचिका को दाब कर रख दिया. वर्तमान विवि प्रशासन ने जब इसकी खोजबीन शुरू की गया, तो संचिका तत्कालीन वीसी के यहां ही पड़ी हुई थी. वीसी ने जाते वक्त जो संचिका विवि को सौंपा है. उसी मेंयह संचिका भी शामिल था.
सीनेट से पहले होगी दो सिंडिकेट की बैठक
बीआरए बिहार विश्वविद्यालय प्रशासन तेजी के साथ शिक्षक, कर्मचारी व छात्रों की समस्या के समाधान करने की तैयारी में है. सीनेट की बैठक से पूर्व विवि दो सिंडिकेट की बैठक करेगा. पहला सिंडिकेट इसी सप्ताह या अगले सप्ताह के सोमवार या मंगलवार तक होने की उम्मीद है. इसमें शिक्षकों के प्रोमोशन से लेकर कुछ ऐसे एजेंडा है. जिसपर निर्णय लेना जल्दबाजी है. इसके बाद बजट एवं अन्य मुद्दों को सीनेट की बैठक से ठीक पहले होनेवाले सिंडिकेट में रखा जायेगा.
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