मुजफ्फरपुर : शातिर अपराधी अनिल ओझा की गिरफ्तारी के लिए कोर्ट से जारी वारंट सदर थाने से तीन साल पहले गायब हो गया था. जांच रिपोर्ट में ये बात भी सामने आयी है. वारंट विवि कम्युनिटी हाल से पाकिस्तानी गोली बरामद होने के मामले में जारी हुआ था. इसमें अनिल और उसकी पत्नी समेत पांच को आरोपित किया गया था. जांच अधिकारी के आवेदन पर कोर्ट ने वारंट जारी किया था, जिसे सदर थाने को दिया गया था.
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सदर थाने से गायब हो गया वारंट
मुजफ्फरपुर : शातिर अपराधी अनिल ओझा की गिरफ्तारी के लिए कोर्ट से जारी वारंट सदर थाने से तीन साल पहले गायब हो गया था. जांच रिपोर्ट में ये बात भी सामने आयी है. वारंट विवि कम्युनिटी हाल से पाकिस्तानी गोली बरामद होने के मामले में जारी हुआ था. इसमें अनिल और उसकी पत्नी समेत पांच […]
वारंट देने के दो माह बाद जब जांच अधिकारी ने उसकी तामिला रिपोर्ट के लिए सदर थाने से संपर्क किया, तो उन्हें उसके गायब होने की सूचना दी गयी. इसके बाद जांच अधिकारी ने कोर्ट से दुबारा वारंट
सदर थाने से
जारी करने का आवेदन भी नहीं दिया. सूत्र बताते हैं कि पुलिस की लापरवाही की वजह से अनिल ओझा कई बार कानून की आंखों में धूल झोकने में कामयाब रहा.
अब जब मामले में फाइनल रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल की गयी है, तब ये मामला सामने आया है, लेकिन इस मामले में ये बात सामने नहीं आयी है कि आखिर वारंट कैसे गायब हो गया. इसके पीछे किसका हाथ हो सकता है. अगर वारंट गायब हो गया था, तो उसकी जगह पर दूसरा वारंट कोर्ट से प्राप्त करने की कोशिश क्यों नहीं की गयी? इसके पीछे क्या मंशा हो सकती थी?
अनिल ओझा की गिरफ्तारी का था वारंट
गोली बरामदगी मामले में हुआ था जारी
वारंट गायब होने का दर्ज हुआ था सनहा
पांच जनवरी, 2014 को हुआ
था सनहा
जांच अधिकारी ने थाने को दिया था वारंट
पाकिस्तानी गोली मिलने की जांच शुरू
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