मुजफ्फरपुर : नगर निगम चुनाव का समय जैसे-जैसे पास आता जा रहा है, नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर बढ़ता जा रहा है. ऐसे में हमने यह जानने की कोशिश की कि आखिर शहर के लोग इस बारे में क्यो सोचते हैं? निगम के कार्यों से वास्तव में वे कितना संतुष्ट हैं? आनेवाले समय में उन्हें क्या उम्मीदें हैं? प्रभात खबर के कार्यालय में आयोजित परिचर्चा में अलग-अलग इलाकों से आये लोगों ने बेबाकी से अपनी राय रखी. कहा, निगम की अब तक की कार्यशैली ऐसी है कि उससे उम्मीद रखना बेमानी है.
शिकायतें की जाती हैं, तो प्राय: उसका निष्पादन नहीं होता. यदि होता है, तो इसमें इतना वक्त लगता है कि वो बेमानी रह जाती है. लोगों ने तो यहां तक राय दी कि सरकार को चाहिए कि वह एक टर्म के लिए निगम का चुनाव स्थगित कर, उसकी जगह किसी निजी एजेंसी को एक कार्यकाल तक मौका दे. निश्चित तौर पर शहर की दशा व दिशा बदल जायेगी. नगर निगम की ओर से सुविधा मुहैया कराने के लिए लिये जा रहे टैक्स को लोगों ने ‘रंगदारी टैक्स’ तक करार दिया. परिचर्चा में कुछ ऐसे लोग भी शामिल थे, जो पुराने जमाने की नगरपालिका की प्रबंधन शैली व प्लानिंग को बेहतर बताया.
उनका साफ कहना था कि आज जो निगम प्रशासन की ओर से प्लानिंग की जाती है, वह वास्तविकता या जरूरतों से परे होती है. उन्होंने मोतीझील व आमगोला रोड में बनाये गये ओवरब्रिज का उदाहरण दिया. सड़क निर्माण के बाद केबुल बिछाने के लिए उसे तोड़ना, फिर उसका निर्माण करना, को भी लोगों ने इसी श्रेणी में रखा. परिचर्चा के दौरान लोगों ने आने वाले समय में निगम प्रशासन से अपनी उम्मीदें भी बतायी.