मुजफ्फरपुर : आरए बिहार विश्वविद्यालय में किस तरह से अवैध नियुक्तियां बैक डेट में होती हैं. इसका खुलासा हो गया है. गुरुवार को इससे संबंधित 21 संचिकाओं को छात्रों ने जब्त किया. ये सभी राजभवन के आदेश पर हटाये गये कुलसचिव डॉ रत्नेश मिश्रा की निजी गाड़ी से मिलीं. इन्हें कुलसचिव की ऑफिस की गाड़ी से निजी गाड़ी में रखा जा रहा था. बताया जाता है कि कई संचिकाएं एक कर्मचारी लेकर भागने में
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विवि में अवैध नियुक्तियां, हुआ खुलासा!
मुजफ्फरपुर : आरए बिहार विश्वविद्यालय में किस तरह से अवैध नियुक्तियां बैक डेट में होती हैं. इसका खुलासा हो गया है. गुरुवार को इससे संबंधित 21 संचिकाओं को छात्रों ने जब्त किया. ये सभी राजभवन के आदेश पर हटाये गये कुलसचिव डॉ रत्नेश मिश्रा की निजी गाड़ी से मिलीं. इन्हें कुलसचिव की ऑफिस की गाड़ी […]
विवि में अवैध नियुक्तियां
सफल रहा, लेकिन गोपनीय संचिकाओं के जब्त किये जाने से विवि में हड़कंप मच गया है.
जब्त संचिकाएं देखने से पता चलता है कि विवि में पूर्व कुलपति डॉ पंडित पलांडे के कार्यकाल के अंतिम तीन महीनों के दौरान कई नियुक्तियां हुई हैं, जिन्हें बैक डेट में दिखाये जाने की आशंका है, क्योंकि जो संचिकाएं मिली हैं. उनमें लेटर नंबर चढ़ा कर खाली छोड़ दिया गया है. माना जाता है कि जब किसी की नियुक्ति करनी होती थी, तो इन्हीं के आधार पर लेटर जारी कर दिया जाता था.
कुलसचिव डॉ रत्नेश मिश्रा को अनियमितता के आरोप में ही पद से हटाया गया है. गुरुवार को उनकी निजी गाड़ी से जो संचिकाएं मिलीं, उन्हें विवि के प्रशासनिक भवन से निकाल कर कैंपस से बाहर ले जाने की तैयारी थी. इसी दौरान कुछ छात्रों ने विवि प्रशासन की मदद से इन्हें जब्त किया. जब्त संचिका में आठ हाइकोर्ट के केस से संबंधित हैं. इसके अलावा जितनी भी संचिकाएं हैं, वह नियुक्ति व वित्तीय लेन-देन से जुड़ी हुई हैं. डिस्टेंस एजुकेशन से जुड़ी भी एक संचिका जब्त की गयी है. ये वही संचिकाएं हैं, जिन्हें राजभवन के निर्देश के बाद एक सप्ताह पहले वीसी डॉ रवींद्र कुमार वर्मा ‘रवि’ ने रजिस्ट्रार से 24 घंटे के अंदर उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था. इसमें रजिस्ट्रार ऑफिस से लेटर डिस्पैच रजिस्टर भी मांगा गया था, लेकिन वीसी को रजिस्ट्रार ने संचिका उपलब्ध नहीं करायी थी.
बताते हैं कि विवि गेस्ट हाउस में खड़ी रजिस्ट्रार की सरकारी गाड़ी से उनकी निजी गाड़ी में फाइलों को रखा जा रहा था. इसकी जानकारी कैंपस में खड़े छात्र नेता कंचन कुमार, राघव कुमार मणि व विक्की को लगी, तो वे लोग मौके पर पहुंच गये और गाड़ी को घेर लिया. इस दौरान अन्य कर्मचारी भी मौके पर पहुंच गये.
तबतक संचिका ट्रांसफर कर रहे लीगल सेक्शन का कर्मचारी अपनी स्कूटी से करीब दो दर्जन संचिकाएं को लेकर फरार हो गया. हालांकि, 21 संचिकाओं को छात्रों ने जब्त कर कुलपति व विवि थाने की पुलिस को फोन किया. वीसी ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आनन-फानन में दूसरे कर्मचारी व अधिकारी को भेजा, जिन्होंने जब्ती सूची बनाकर फाइलें अपने कब्जे में ले लिया. बाद में विवि पुलिस ने मौके पर पहुंच कर मामले की छानबीन की. हालांकि, विवि प्रशासन की तरफ से कोई लिखित शिकायत नहीं मिलने के कारण पुलिस आगे की कार्रवाई नहीं की.
गायब डिस्पैच रजिस्टर भी मिला
रजिस्ट्रार की निजी गाड़ी से एक डिस्पैच रजिस्टर भी बरामद हुआ है. यह वही डिस्पैच रजिस्टर है, जो विवि से गायब था. वीसी के मांगने पर कुलसचिव कार्यालय के कर्मचारी गायब होने की बात कह रहे थे. बताया जाता है कि बरामद डिस्पैच रजिस्टर में अबतक जितनी भी अवैध नियुक्तियां व वित्तीय भुगतान से संबंधित गोपनीय आदेश-निर्देश दिये गये हैं, उसका लेटर डिस्पैच होता आ रहा है. वीसी डॉ रवींद्र कुमार वर्मा ‘रवि’ के समक्ष छात्र जब रजिस्टर का पन्ना पलटने लगे, तो उसमें एक से डेढ़ साल पीछे की तिथि में डिस्पैच नंबर चढ़ा कर रजिस्टर के पेज को खाली छोड़ा गया है. वीसी समेत अन्य अधिकारी इसे देख हौरान रह गये. बाद में वीसी ने डिस्पैच रजिस्टर को भी जब्ती सूची में शामिल करते हुए इसकी पूरी रिपोर्ट राजभवन को भेजने की बात कही. उन्होंने जांच टीम गठित कर डिस्पैच नंबर वाले लेटर के बारे में जांच कराने की बात कही है.
हाजीपुर व सीतामढ़ी के कॉलेजों में बहाली
जब्त संचिका में एक ऐसी है, जिसमें आरएन कॉलेज हाजीपुर, सीतामढ़ी व मोतिहारी के कई कॉलेज में कर्मियों की बहाली व सेवा नियमित करने का जिक्र है. आरएन कॉलेज में 10 कर्मियों की बहाली से संबंधित लेटर टाइप कर रखा गया है, लेकिन उसपर रजिस्ट्रार का हस्ताक्षर नहीं है. रजिस्ट्रार ने कहा कि वीसी ने स्वीकृति नहीं दी. इस कारण बहाली नहीं हो सकी थी. वहीं, आरएन कॉलेज के प्राचार्य डॉ ओमप्रकाश राय का कहना है कि चार कर्मियों की बहाली आउटसोर्स पर कर उनके यहां भेजा गया था, जिन्हें ज्वाइन कराने से उन्होंने इनकार कर दिया था.
उजागर होगा बड़ा घोटाला
सिंडिकेट सदस्य सह पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष डॉ हरेंद्र कुमार ने पूरे प्रकरण की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है. कहा कि सही से जांच होने पर इंटरमीडिएट काउंसिल की तरह बड़ा घोटाला उजागर हो सकता है. उन्होंने जांच कर वीसी से दोषी अधिकारियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने की भी मांग की है.
अनियमितता
नियम तोड़ बहाली कर किया नियमित
हटाये गये कुलसचिव की निजी गाड़ी से मिलीं संचिकाएं
जब्त हुईं 21 संचिकाएं
अवैध नियुक्ति व वित्तीय राशि के लेन-देन से जुड़ीं संचिकाएं
डिस्टेंस व एकेडमिक स्टाफ कॉलेज की भी संचिकाएं शामिल
पूर्व वीसी के अंतिम तीन महीने के कार्यकाल के दौरान बैक डेट में हुईं कई नियुक्तियां
– वीसी ने कहा, छात्रों ने दिखायी हिम्मत, फर्जीवाड़े में शामिल लोगों पर होगी कार्रवाई
छात्रों की शिकायत पर रजिस्ट्रार की निजी गाड़ी से कुछ संचिकाएं बरामद की गयी हैं. संचिका व डिस्पैच रजिस्टर देखने से स्पष्ट होता है कि यूनिवर्सिटी में जो काम हो रहा है, वह नियम के विपरीत है. डिस्पैच रजिस्टर में नंबर चढ़ा कर उसे खाली छोड़ा गया है. सरकार व राजभवन से नियुक्ति पर रोक लगी है, लेकिन कई नियुक्तियां व सेवा को नियमित किया गया है.
डॉ रवींद्र कुमार वर्मा ‘रवि’, प्रभारी वीसी
संचिका वीसी को सुपुर्द करने के लिए एकत्रित कर सूचीबद्ध किया जा रहा था. इसी क्रम में सरकारी गाड़ी से उसे निजी गाड़ी में रखा जा रहा था. जिस-जिस कॉलेज के प्राचार्य ने बहाली का प्रस्ताव दिया था. उन्हीं कॉलेज में नैक मूल्यांकन की आवश्यकता को महसूस करते हुए बहाली की गयी है. पद से हटाये जाने के बाद मुझे अब फंसाने की साजिश चल रही है.
डॉ रत्नेश मिश्रा, कुलसचिव
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