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केकरा सहारे जीबइ रे दइब, कह कर हो जाती थी बेहोश

मीनापुर : ब्रहंडा गांव में सड़क हादसे के शिकार हुये महेश ठाकुर के घर पर सांत्वना देने के लिए सुबह से लोगों की भीड़ जुटने लगी थी. परिजनों के चीत्कार से हर आंखों से आंसू निकल रहे थे. गरीबी की मार झेल रहे पीड़ित की खटिया पर पुरसाहाल नहीं था. पत्नी पुनीता का रो-रो कर […]

मीनापुर : ब्रहंडा गांव में सड़क हादसे के शिकार हुये महेश ठाकुर के घर पर सांत्वना देने के लिए सुबह से लोगों की भीड़ जुटने लगी थी. परिजनों के चीत्कार से हर आंखों से आंसू निकल रहे थे. गरीबी की मार झेल रहे पीड़ित की खटिया पर पुरसाहाल नहीं था. पत्नी पुनीता का रो-रो कर बुरा हाल था. उनकी जुबान पर सिर्फ केकरा सहारे जीबइ रे दइब. बउआ सब के अब की होतइ. वही बड़े बेटे शंभु ठाकुर चिंता में डूबा हुआ था. उन्हें अब परिवार के

साथ ही छोटी बहन की डोली की भी चिंता होने लगी है. मार्च में ममता कुमारी की शादी तय हुई थी. रविवार को उसका फलदान जाना था. पिता फलदान का सामान खरीद कर शहर से लौट रहे थे. ट्रक की ठोकर ने उनके सारे अरमानों पर पानी फेर दिया. शंभु ठाकुर ने बताया कि भगवान को शायद यही मंजूर था, देना था बहन की डोली को कंधा लेकिन पिता के अर्थी को सजाना पड़ा.

महेश ठाकुर को तीन बेटियां व तीन बेटे हैं. जिसकी शादी होने वाली है वह ममता कुमारी पांचवीं में पढ़ती है. उधर, पूर्व मुखिया सदरूल खान ने उनके घर पहुंच कर ढांढस बंधाया. उन्होंने कहा कि पीड़ित परिवार को पूरी मदद की जायेगी. सामाजिक सहयोग से बच्ची की शादी करायी जायेगी.

पूर्व मंत्री हिंद केसरी यादव ने सड़क हादसे में हुई मौत मामले में परिजनों से मुलाकात की. वह ब्रहंडा, तुर्की, शनिचरा स्थान व चकजमाल गांव का दौरा किया. उन्होंने मृतक के परिजनों को इस दुख की घड़ी में में धैर्य रखने की सलाह दी साथ ही सरकार से मृतक के परिजनों को सरकारी नौकरी, मुआवजे की राशि दस लाख रुपये तथा दुर्घटना की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की.
डोली चढ़ने के बजाय देना पड़ा पिता की अर्थी को कंधा
आज जानेवाला था फलदान
महेश की मौत पर ब्रहंडा गांव में माहौल गमगीन

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