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कालाजार उन्मूलन का संकल्प पूरा होना असंभव

मुजफ्फरपुर : केंद्र सरकार ने इस वर्ष कालाजार उन्मूलन का संकल्प किया है. बजट में कालाजार व मिजिल्स के खात्मे की बात कही गयी है, लेकिन इस वर्ष कालाजार उन्मूलन अभियान जिले में पूरा होना मुश्किल है. जिस तरह से सरकारी अभियान चलाया जा रहा है, उससे जिले में कालाजार का खात्मा संभव नहीं है. […]

मुजफ्फरपुर : केंद्र सरकार ने इस वर्ष कालाजार उन्मूलन का संकल्प किया है. बजट में कालाजार व मिजिल्स के खात्मे की बात कही गयी है, लेकिन इस वर्ष कालाजार उन्मूलन अभियान जिले में पूरा होना मुश्किल है. जिस तरह से सरकारी अभियान चलाया जा रहा है, उससे जिले में कालाजार का खात्मा संभव नहीं है. हर वर्ष दो से तीन सौ नये मरीजों में कालाजार की पुष्टि उन्मूलन में बाधा है. फिलहाल जिले में 567 मरीजों का इलाज चल रहा है. दिसंबर तक मरीजों की संख्या 516 थी, जो एक महीने में 51 बढ़ गयी है. वर्ष में दो बार कालाजार से बचाव की दवा सिंथेटिक पैरा फ्राइड का छिड़काव होता है, लेकिन मरीजों की संख्या में कमी नहीं आ रही है. ऐसे हालात में 11 महीनों में जिले से कालाजार नहीं मिट सकता.

स्किन कालाजार भी बड़ी समस्या
जिले में स्किन कालाजार भी बड़ी समस्या है. हर वर्ष 100 से अधिक नये मरीजों की पहचान होती है. कुष्ठ रोग व स्किन कालाजार का अंतर समझ नहीं पाने के कारण लोग इलाज नहीं कराना चाहते. उन्हें यह भय रहता है कि लाेग उनसे घृणा करने लगेंगे. इस बाबत स्वास्थ्य विभाग ने आशा व पुरुष कार्यकर्ता के माध्यम से घर-घर जाकर स्किन कालाजार मरीजों को खोजने का अभियान चलाया था, लेकिन इस अभियान का बहुत फायदा नहीं हुआ. स्किन कालाजार की पहचान के लिए ग्रामीण स्तर पर लोगों को जागरूक नहीं किया गया.
दवा छिड़काव से इनकार उन्मूलन में बाधा
जिले में कालाजार उन्मूलन के लिए दवा का छिड़काव नहीं कराये जाने से उन्मूलन संभव नहीं है. प्रत्येक बार होने वाले छिड़काव में हजारों लोग अपने घरों में दवा छिड़काव से इनकार कर देते हैं. स्वास्थ्य विभाग की अोर से ऐसा नियम भी नहीं बनाया गया है कि वे लोगों की इच्छा के विरुद्ध उनके घर में दवा का छिड़काव करें. सामाजिक भेदभाव व पूजा घर में दूसरों को जाने की इजाजत नहीं देने के कारण वह घर कालाजार के वाहक बालू मक्खी से मुक्त नहीं होता.

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