उन्होंने बताया कि भौतिक विभाग की डॉ संगीता सिन्हा को 2015 में दक्षिण काेरिया में इस अधिवेशन के लिए अध्यक्ष व डॉ संजय कुमार काे संयोजक चुना गया था. यह आयोजन अंतरराष्ट्रीय संस्था के सहयोग से किया जायेगा. इसमें भारत सरकार के गृह विभाग, विदेश मंत्रालय व ऊर्जा मंत्रालय की विशेष भूमिका रहेगी. इसके अलावा इंडियन नेशनल साइंस कांग्रेस की पात्रिक एवरीडे साइंस ने भी इसको जगह दी है. बिहार के कृषि विभाग एवं कला संस्कृति मंत्रालय का भी विशेष सहयोग रहा है.
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11वां पैसिफिक अंतरराष्ट्रीय काॅन्फ्रेंस छह से
मुजफ्फरपुर: मेक इन बिहार की परिकल्पना को साकार करने के लिए पहली बार बीआरए बिहार विवि में अंतरराष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया जायेगा. 11वां एशिया पैसिफिक काॅन्फ्रेंस ऑन सस्टेनेबल एनर्जी एंड इनवायरनमेंटल टेक्नाेलॉजी पर फिजिक्स विभाग में छह से 10 मार्च के बीच देश-विदेशों से आये शोध पत्र चुने जायेंगे. चुने गये शोध पत्र का […]
मुजफ्फरपुर: मेक इन बिहार की परिकल्पना को साकार करने के लिए पहली बार बीआरए बिहार विवि में अंतरराष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया जायेगा. 11वां एशिया पैसिफिक काॅन्फ्रेंस ऑन सस्टेनेबल एनर्जी एंड इनवायरनमेंटल टेक्नाेलॉजी पर फिजिक्स विभाग में छह से 10 मार्च के बीच देश-विदेशों से आये शोध पत्र चुने जायेंगे. चुने गये शोध पत्र का प्रकाशन अंतरराष्ट्रीय शोध पत्रिकाओं में होगा. उक्त बातें वीसी डॉ पी पलांडे ने बुधवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान कही.
उन्होंने बताया कि भौतिक विभाग की डॉ संगीता सिन्हा को 2015 में दक्षिण काेरिया में इस अधिवेशन के लिए अध्यक्ष व डॉ संजय कुमार काे संयोजक चुना गया था. यह आयोजन अंतरराष्ट्रीय संस्था के सहयोग से किया जायेगा. इसमें भारत सरकार के गृह विभाग, विदेश मंत्रालय व ऊर्जा मंत्रालय की विशेष भूमिका रहेगी. इसके अलावा इंडियन नेशनल साइंस कांग्रेस की पात्रिक एवरीडे साइंस ने भी इसको जगह दी है. बिहार के कृषि विभाग एवं कला संस्कृति मंत्रालय का भी विशेष सहयोग रहा है.
विदेशों से 100 से अधिक शोध पत्र हो चुके हैं जमा
डॉ संगीता सिन्हा ने बताया कि अमेरिका, इग्लैंड, दक्षिण कोरिया, चाइना, थाइलैंड, वियतनाम, लाओस, कंबोडिया, नेपाल, बांग्लादेश, ट्यूनेशिया, घाना, जापान, इजिप्ट, उजबेकिस्तान, सिंगापुर, आस्ट्रेलिया आदि देशों से 100 से अधिक शोध पत्र जमा हो चुके हैं. इन शोध पत्रों में जिसका चयन हाेगा. उसका शोध पत्र अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में प्रकाशित होगा. इसके अलावा एनर्जी पर देश-विदेश से आये लोग अपने विचार रखेंगे. बताया कि आज देश प्रदूषण की समस्या से जूझ रहा है. ऐसे में इस तरह के आयोजनों से लोगों को मदद मिलेगी. कार्यक्रम के दौरान ऊर्जा की कमी से पर्यावरण को क्या नुकसान है और इसे कैसे बचाया जा सकता है, इस पर मंथन किया जायेगा.
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