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मुजफ्फरपुर जंकशन से ट्रेनों का आपातकालीन कोटा खत्म

मुजफ्फरपुर: सांसद, मंत्री या कोई भी व्यक्ति मुजफ्फरपुर से खुलनेवाली ट्रेनों में स्थानीय आपातकालीन कोटा से टिकट कंफर्म कराना चाहेंगे, तो अब नहीं होगा. इसके लिए उन्हें सोनपुर रेल कार्यालय जाना हाेगा, या फिर वहां के अधिकारियों से संपर्क करना होगा. क्षेत्रीय अधिकारी के कार्यालय में मुजफ्फरपुर से खुलने वाली प्रमुख ट्रेनों में आपातकालीन कोटा […]

मुजफ्फरपुर: सांसद, मंत्री या कोई भी व्यक्ति मुजफ्फरपुर से खुलनेवाली ट्रेनों में स्थानीय आपातकालीन कोटा से टिकट कंफर्म कराना चाहेंगे, तो अब नहीं होगा. इसके लिए उन्हें सोनपुर रेल कार्यालय जाना हाेगा, या फिर वहां के अधिकारियों से संपर्क करना होगा. क्षेत्रीय अधिकारी के कार्यालय में मुजफ्फरपुर से खुलने वाली प्रमुख ट्रेनों में आपातकालीन कोटा खत्म कर दिया गया है.

यहां के कोटा को मंडल वाणिज्य कार्यालय सोनपुर में ट्रांसफर कर दिया गया है. कोटा खत्म करने का फैसला डीआरएम मनोज कुमार अग्रवाल ने लिया है. बताया जाता है कि बर्थ कंफर्म कराने में मिली शिकायत के बाद डीआरएम ने यह फैसला लिया है. हालांकि, डीआरएम के इस फैसले से रेलवे अधिकारी, कर्मचारी के साथ स्थानीय जनप्रतिनिधि व चैंबर ऑफ कॉमर्स के पदाधिकारियों में भारी नाराजगी है.मुजफ्फरपुर जंकशन ए-वन श्रेणी में आता है. डीआरएम को ट्रेनों में पहले से दिये गये कोटा को बढ़ाना चाहिए था. यहां के कोटा को खत्म करने का फैसला उचित नहीं है.

इसकी शिकायत रेल मंत्री के साथ पूर्व मध्य रेल के जीएम व रेलवे बोर्ड से की जायेगी. शुक्रवार की सुबह ऑफिस खुलने के बाद कंट्रोल से कोटा खत्म होने की जानकारी क्षेत्रीय अधिकारी जेपी त्रिवेदी को जैसे ही मिली, उन्होंने ड्रॉप बाक्स के ऊपर इससे संबंधित नोटिस चस्पा दिया. स्थानीय अधिकारी व कर्मचारी से जब कोटा खत्म करने के कारण को लेकर सवाल किया गया, तो सभी ने चुप्पी साध ली. वहीं शुक्रवार कोटा से टिकट कंफर्म कराने पहुंचे लोगों को क्षेत्रीय कार्यालय से बैरंग लौटना पड़ा.
सप्तक्रांति समेत 16 ट्रेनों में था मुजफ्फरपुर से कोटा
मुजफ्फरपुर से खुलनेवाली 16 ट्रेनों में पूर्व मध्य रेल की ओर से आपातकालीन कोटा उपलब्ध कराया गया था. इनमें मुजफ्फरपुर से आनंद विहार जानेवाली सप्तक्रांति सुपरफास्ट एक्सप्रेस (12557), मुंबई जानेवाली पवन एक्सप्रेस (11062), पोरबंदर एक्सप्रेस (19270), अवध एक्सप्रेस (19040), गरीबरथ एक्सप्रेस (12211), मुजफ्फरपुर यशवंतपुर एक्सप्रेस (15228), मौर्य एक्सप्रेस (15028), पूर्वांचल एक्सप्रेस (15048), मौर्यध्वज एक्सप्रेस (12491), श्रमिक एक्सप्रेस (19052), मुजफ्फरपुर-मनढ़ौली एक्सप्रेस (12537), राप्ति गंगा एक्सप्रेस (15001), मुजफ्फरपुर-सूरत एक्सप्रेस (19054) शामिल है. इन ट्रेनों के स्लीपर के अलावा एसी थ्री एवं टू बोगी में मुजफ्फरपुर से आपातकालीन कोटा था.
पांच साल पहले 20 जनवरी को ही रोकी गयी थी रेल
स्थानीय स्तर पर गरीबरथ, सप्तक्रांति समेत अन्य ट्रेनों में कोटा बढ़ाने एवं कुछ प्रमुख ट्रेनों में कोटा की व्यवस्था करने को लेकर दिसंबर 2011 से भाजपा आंदोलन शुरू किया था. 20 जनवरी 2012 को तत्कालीन जिलाध्यक्ष डॉ अरविंद कुमार सिंह के नेतृत्व में भाजपा ने रेल रोको आंदोलन किया. इसके बाद पूर्व मध्य रेल के जीएम ने कोटा बढ़ाने के साथ नये ट्रनों में कोटा की देने का निर्देश दिया था. पांच साल बाद 20 जनवरी को ही डीआरएम मनोज कुमार अग्रवाल ने स्थानीय कोटा को खत्म कर दिया है. इसको लेकर एक बार फिर आंदोलन की रणनीति तैयार होना शुरू हो गया है.
यह बहुत ही गंभीर मुद्दा है. डीआरएम को ऐसा नहीं करना चाहिए. हमलोग यहां कोटा बढ़ाने की मांग कर रहे थे. उल्टे इसे खत्म कर दिया गया है. 24 घंटे में डीआरएम अपना फैसला वापस लें. अगर ऐसा नहीं होता है तो डीआरएम के खिलाफ आंदोलन छेड़ दिया जायेगा. अावश्यकता पड़ने पर उत्तर बिहार के जितने सांसद हैं, सभी लोग रेल मंत्री से जाकर मिलेंगे. उन्हें अगर कोटा से टिकट कंफर्म में गड़बड़ी की शिकायत मिली है, तो दोषी को चिह्नित कर कार्रवाई करते. यहां से कोटा को खत्म करना उचित नहीं है.
अजय निषाद, सांसद, मुजफ्फरपुर
डीआरएम ऐसा फैसला क्यों लिये, मुझे समझ में नहीं आ रहा है. क्षेत्रीय अधिकारी स्तर से कभी कोई गड़बड़ी की बात सामने नहीं आयी. डीआरएम को किसी ने गलत जानकारी देकर उनसे ऐसा काम कराया है. हम सभी मेंबर इसका कड़ा विरोध करते हैं. उन्हें पहले पत्र लिख एवं बातचीत कर समझाया जायेगा. वे नहीं मानेंगे, तो इसके खिलाफ फिर से एक बड़ा जंग छेड़ देंगे. डीआरएम का यह फैसला मुजफ्फरपुर के साथ न्याय नहीं अन्याय करने वाला है.
पुरुषोत्तम लाल पोद्दार, मेंबर, पूर्व मध्य रेलवे परामर्शदात्री समिति

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