मुजफ्फरपुर : मादक पदार्थ की तस्करी के मामले की सुनवाई कर रहे एडीजे-1 एस एन ठाकुर ने दोषी पाते हुए सदर थाना क्षेत्र के बीबीगंज निवासी मोहम्मद सोयब आलम उर्फ मुन्ना एवं वैशाली जिला अंतर्गत गोरौल थाना क्षेत्र के महम्मदपुर कोछा निवासी मोहम्मद जसीम को 15 वर्ष का सश्रम कारावास व एक-एक लाख रुपये अर्थदंड की सजा सुनायी है. ब्रह्मपुरा पुलिस व सदर पुलिस ने संयुक्त छापेमारी कर सदर थाना क्षेत्र के बीबीगंज से दो सौ ग्राम चरस के साथ दो कारोबारी मोहम्मद सोयब आलम उर्फ मुन्ना व मोहम्मद जसीम को गिरफ्तार किया था. तत्कालीन ब्रह्मपुरा थानाध्यक्ष सुनील कुमार के बयान पर सदर थाना में दर्ज हुआ था.
बयान में कहा था कि आठ मार्च 2011 की संध्या में अपने थाना पर था. इसी बीच सूचना मिली कि बीबीगंज चौक के पास कुछ स्मैक कारोबारी इकट्ठा होकर स्मैक व नशीला पदार्थ का लेनदेन करने वाले हैं. टीम गठित कर पुलिस बल के साथ बीबीगंज चौक के पास पहुंचा तो देखा कि सुखदेव साह की चाय दुकान के बाहर बेंच पर तीन लोग बैठकर आपस में बात कर रहे थे. जब पुलिस पर उनलोगों की नजर पड़ी, तो तीनों व्यक्ति मुख्य सड़क की ओर भागने लगे.
खदेड़ कर पकड़ा गया. पकड़े गये लोगों में एक ने अपना नाम मोहम्मद सोयब व आलम उर्फ मुन्ना अपना नाम बताया. बताया कि उसका घर बीबीगंज माड़ीपुर में है. वहीं दूसरे व्यक्ति ने अपनी पहचान वैशाली के गोरौल थाना क्षेत्र के महम्मदपुर कोछा निवासी मोहम्मद जसीम के रूप में बतायी. मोहम्मद जसीम की ओर से अधिवक्ता प्रियरंजन एवं मोहम्मद सोयब की ओर से अधिवक्ता रविशंकर सिंह ने पक्ष रखा.