मुजफ्फरपुर : जगदीशपुरी लेन नंबर एक के लोगों को बीमार पड़ने पर इलाज करनेवाले चिकित्सक पंकज कुमार झा के इंजेक्शन के डर ने मुहल्ले के आधे दर्जन बच्चों को काल के गाल में जाने से बचा लिया. घटना के कुछ ही क्षण पूर्व स्थानीय चिकित्सक पंकज उस रास्ते से गुजर रहे थे. उन्हें देखते ही वहां खेल रहे बच्चे भाग खड़े हुए.
आयुष और सन्नी भी वहां से भागने की फिराक में था. इसी बीच लोहे की गेट काल बन कर उसके शरीर पर गिर गया. उसके नीचे दबने से आयुष की मौत हो गयी. वहीं सन्नी जीवन और मौत से जूझ रहा है. मिठनपुरा चर्च रोड में निजी क्लिनिक चलाने वाले डॉ. पंकज झा के यहां जगदीशपुरी मुहल्ले के लोग अपना इलाज कराते हैं. बच्चों के भी बीमार पड़ने पर उसका इलाज उन्हीं से कराते रहे हैं. इलाज के क्रम में मुहल्ले के कई बच्चों को डॉ. पंकज ने इंजेक्शन भी दिया था.
यहीं कारण था कि उन्हें देखते ही मुहल्ले के छोटे बच्चे शोर मचाते हुए भागने लगते थे. इस घटना के प्रत्यक्षदर्शी डॉ. पंकज कुमार झा ने बताया कि सोमवार की शाम वे चाय पीने के लिए मुहल्ले के ही नथुनी कुमार के यहां जा रहे थे. करीब 4.45 बजे वे घटनास्थल स्थित जगदीशपुरी लेन नंबर एक से गुजर रहे थे. विद्यालय के गेट पर खेल रहे करीब आठ-नौ बच्चे उन्हें देखते ही डाॅक्टर-डाॅक्टर चिल्लाते हुए भागने लगे. इसमें दो बच्चा वहां से खिसकने की कोशिश ही कर रहा था कि एकाएक विद्यालय के लोहे का गेट गिरा. उक्त गेट के नीचे दो बच्चे आयुष और सन्नी दब गये. इलाज के दौरान आयुष की मौत हो गयी.