मुजफ्फरपुर : ग्रामीण बैंक यूनियन का 12 सूत्री मांग को लेकर 18 जनवरी से अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन करेगा. उक्त निर्णय रविवार को छाता चौक स्थित चित्रगुप्त एसोसिएशन सभागार में ज्वाइंट फोरम ऑफ उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक यूनियन की बैठक में लिया गया. इसमें फोरम के सभी घटक दलों के महासचिव एवं अध्यक्ष के अलावा सक्रिय सदस्यों […]
मुजफ्फरपुर : ग्रामीण बैंक यूनियन का 12 सूत्री मांग को लेकर 18 जनवरी से अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन करेगा. उक्त निर्णय रविवार को छाता चौक स्थित चित्रगुप्त एसोसिएशन सभागार में ज्वाइंट फोरम ऑफ उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक यूनियन की बैठक में लिया गया. इसमें फोरम के सभी घटक दलों के महासचिव एवं अध्यक्ष के अलावा सक्रिय सदस्यों ने उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक चेयरमैन के तानाशाही रवैये की भर्त्सना की.
ज्वाइंट फोरम के संयोजक प्रदीप कुमार मिश्र ने कहा कि फोरम की ओर से 12 सूत्री मांगों को लेकर 7 दिसंबर, 2016 को बैंक अध्यक्ष को ज्ञापन सौंपा गया. जिसमें पहली मांग थी कि नोटबंदी के दौरान 12 व 13 नवंबर को किये गये कार्य के एवज में पारिश्रमिक का भुगतान किया जाये. लेकिन अब तक नोटबंदी के दौरान दो छुट्टी के दिन किये गये कार्य के एवज में भुगतान नहीं किया गया. मुख्य वक्ताओं में प्रदीप कुमार मिश्र, अरूण कुमार सिंह, हरेन्द्र प्रसाद ठाकुर,
रामानुज कुमार सिन्हा, दिलीप कुमार, कुमार शेखर, ए एम सोज, धनंजय चौधरी, प्रमोद कुमार मिश्र, राम नरेश पासवान, कृष्ण कांत झा, रणधीर नारायण, प्रशांत कुमार सिंह आदि थे.
यह हैं 12 सूत्री मांगें
नोटबंदी के दौरान 10 व 11 नवंबर काे किये गये कार्य के एवज में भुगतान.
ग्रेजुएट सहायक को ग्रेजुएशन इंक्रीमेंट का भुगतान. स्टाफ के आश्रित को अनुकंपा पर नौकरी.
स्टाफ वेलफेयर ट्रस्ट की स्थापना व सभी स्टाफ का सामूहिक बीमा हो. एकाउंटेबिलिटी के नाम पर स्टाफ का शोषण बंद हो व दर्ज किये गये प्राथमिकी को वापस ले.
सभी दैनिक मजदूर को नियमित करने. जी एम डी एस योजना के अंतर्गत पूर्व की भांति खाता खोलने की अनुमति दे.
चिकित्सीय अवकाश में रहने पर वेतन भुगतान पर लगाये रोक संबंधी परिपत्र वापस हो. ग्रेच्युटी सीमा में बढ़ोतरी हो.
स्थानांतरण नीति के तहत स्थानांतरण हो व पूर्व के गलती को सुधार करे. शाखाओं में नकदी भुगतान को लेकर पर्याप्त मात्रा में नकदी मुहैया हो.
10वें द्विपक्षीय वेतन समझौते के तहत लागू चिकित्सा भत्ता भुगतान में की गई अनियमितता का
सुधार हो.