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नवरुणा अपहरण कांड: अब कॉल डिटेल पर सीबीआइ की नजर

मुजफ्फरपुर: नवरुणा मामले को सुलझाने के लिए सीबीआइ की नजर कॉल डिटेल पर है. नगर पुलिस के डंप कराये गये मोबाइल नंबर के आधार पर कॉल डिटेल को सीबीआइ फिर से खंगाल सकती है. हालांकि अभी तक नगर पुलिस से सीबीआइ ने संपर्क नहीं साधा है. बताया जाता है कि नवरुणा के अपहरण व कंकाल […]

मुजफ्फरपुर: नवरुणा मामले को सुलझाने के लिए सीबीआइ की नजर कॉल डिटेल पर है. नगर पुलिस के डंप कराये गये मोबाइल नंबर के आधार पर कॉल डिटेल को सीबीआइ फिर से खंगाल सकती है. हालांकि अभी तक नगर पुलिस से सीबीआइ ने संपर्क नहीं साधा है. बताया जाता है कि नवरुणा के अपहरण व कंकाल बरामदगी का मामला अलग-अलग नगर थाने में दर्ज किया गया था.

लेकिन दोनों मामले आपस में जुड़े हैं. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर सीबीआइ सिर्फ नवरुणा मामले की जांच कर रही है. 14 फरवरी को ही सीबीआइ ने प्राथमिकी दर्ज कर कोर्ट को एफआइआर की कॉपी भेज दी थी. सीबीआइ ने कांड संख्या (आरसीओ92201450001) दर्ज करते हुए इंस्पेक्टर आरपी पांडेय को जांच अधिकारी बनाया है. वहीं, 2005 बैच के आइपीएस राजीव रंजन पूरे मामले की मॉनीटरिंग कर रहे हैं. सिक्किम कैडर के राजीव रंजन पटना स्थित स्पेशल क्राइम ब्रांच में तैनात हैं.

फोटो देख कर कहा, बरती गयी लापरवाही
अतुल्य चक्रवर्ती के स्वास्थ्य में शुक्रवार को सुधार हुआ है. उन्होंने बताया कि गुरुवार को सीबीआइ की टीम 26 नवंबर को नाले से मिले कंकाल बरामदगी के समय का फोटो देखने के बाद कहा कि पुलिस ने पूरे मामले में लापरवाही बरती है. कई ऐसे बिंदु हैं, जिनकी जांच नहीं की गयी है.

निदान के मालिक से साधा संपर्क
सीबीआइ टीम ने पटना में निदान के मैनेजर से पूछताछ के बाद संस्था के मालिक अरविंद सिंह से संपर्क साधा है. बताया जाता है कि प्रमोद कुमार से पूछताछ के दौरान निदान के मालिक का पूरा पता व मोबाइल नंबर मांगा गया था. प्रमोद ने बताया कि वह फिलहाल दिल्ली में है. मोबाइल नंबर मिलने के बाद उनसे दिल्ली में सीबीआइ टीम संपर्क साधने में जुटी है.

एक दर्जन से अधिक जांच के दायरे में
नवरुणा मामले में शहर के एक दर्जन से अधिक लोग सीबीआइ जांच के दायरे में हैं. बताया जाता है कि अतुल्य चक्रवर्ती के पड़ोसी, सफाई कर्मी, वार्ड पार्षद, नगर पुलिस के कर्मी सहित कई लोग ऐसे हैं जिनके बारे में जानकारी जुटायी जा रही है. टीम के सदस्य प्रोपर्टी डीलर से भी पूछताछ कर सकते हैं. बताया जाता है कि टीम ने 10 दिन तक शहर में चर्चा रहे पूरे मामले की गोपनीय तरीके से जांच की है. काफी जानकारी जुटाने के बाद टीम ने नवरुणा के परिजनों से संपर्क साधा था. सीबीआइ पूरे कागजात को एकत्रित करने के बाद एक-एक बिंदु पर गहराई से जांच करेगी.

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