मुजफ्फरपुर : लोहिया स्वच्छता बिहार अभियान के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में बन रहे शौचालय के साथ पानी की टंकी बनवाना अनिवार्य होगा़ निर्माण नहीं कराने पर सरकारी अनुदान की राशि में से दो हजार रुपये की कटौती कर ली जायेगी. डीडीसी अरविंद कुमार वर्मा ने जिला ग्रामीण विकास विभाग के जिला समन्वयक को निर्देश जारी किया है. बताया जाता है कि लाभुक शौचालय का निर्माण तो कर लेते हैं, लेकिन पानी टंकी नहीं बनाते है़ं
प्रशासन ने जिला को ओडीएफ (खुले में शौचमुक्त) बनाने के लिए प्रत्येक दिन न्यूनतम 600 शौचालयों के निर्माण का लक्ष्य रखा है. इसमें से ढाई सौ शौचालय प्रतिदिन मुरौल प्रखंड में ही बनना है. जिला प्रशासन ने इस प्रखंड को चालू वित्तीय वर्ष में ओडीएफ करने का लक्ष्य रखा है. शेष प्रखंडों में प्रतिदिन न्यूनतम 30 शौचालय बनाये जाने हैं. लेकिन, ऐसा हो नहीं पा रहा है. समीक्षा के क्रम में पाया गया कि बीते 23 दिसंबर को मुरौल प्रखंड में महज 27 शौचालय बने. वहीं,
इसी दिन मुरौल छोड़ कर जिले के अन्य 15 प्रखंडों में महज 17 शौचालय का ही निर्माण हुआ. डीडीसी ने इस पर नाराजगी जतायी है. यही नहीं, प्रखंडों से भी नियमित रूप से दैनिक रिपोर्ट नहीं भेजी जा रही है. डीडीसी ने इसे प्रखंड समन्वयकों की लापरवाही मानते हुए जिस दिन प्रखंड से रिपोर्ट नहीं आती है, उस दिन वहां के समन्वयक के मानदेय की कटौती का आदेश दिया है.