मुजफ्फरपुर: नवरुणा के पिता अतुल्य चक्रवर्ती से गुरुवार को सीबीआइ की टीम पूछताछ नहीं कर सकी. बताया जाता है, उनकी तबीयत सुबह से ही ठीक नहीं थी. उनका पटना के डॉक्टर प्रभात कुमार के यहां से इलाज चल रहा है.
सुबह में उन्हें उल्टी भी हुई थी. सीबीआइ की टीम दोपहर को उनके घर पर गयी थी, लेकिन पांच मिनट के अंदर ही लौट गयी. शाम चार बजे के आसपास तीन सदस्यीय टीम फिर से अतुल्य व मैत्री चक्रवर्ती से पूछताछ करने पहुंचे. करीब एक घंटे के मुलाकात के बाद टीम के सदस्य वापस लौट गये. अतुल्य चक्रवर्ती ने बताया, इस दौरान टीम के सदस्यों ने कोई विशेष बातचीत नहीं की. स्वास्थ्य कारणों से वे किसी भी सवाल का जवाब देने में असमर्थ थे.
कहां तक पहुंची जांच
सीबीआइ की टीम दो दिनों तक चक्रवर्ती दंपति से पूछताछ के बाद अब 26 नवंबर 2012 को नाले से मिले कंकाल का रहस्य जानना चाहती है. इस मामले में अलग से नगर थाने में दूसरी प्राथमिकी दर्ज है. बताया जाता है कि इस केस के अनुसंधानक से भी सीबीआइ की टीम पूछताछ कर सकती है. 14 माह नगर पुलिस की जांच कंकाल मामले में कहां तक पहुंची है, इसकी रिपोर्ट भी तलब की जा सकती है. पुलिस दो बार नाले से मिले कंकाल की जांच करवा चुकी है. कंकाल को जांच के लिए पटना एफएसएल भेजा गया था.
फिर तैयार किया नक्शा
सीबीआइ टीम ने गुरुवार को भी फिर से फोटोग्राफी कर नक्शा तैयार किया है. टीम के सदस्य हर कोण से फोटोग्राफी कर रहे है. बताया जाता है कि नवरुणा को जिस कमरे से अगवा किया गया था, उस कमरे व खिड़की का भी फोटोग्राफी किया गया है.
कागजात जुटा रही है टीम
तीन दिनों से लगातार सीबीआइ टीम नवरुणा मामले से जुड़े तथ्यों को जुटा रही है. पूरी रिपोर्ट जुटाने के बाद ही सीबीआइ हर पहलू की गहराई से जांच करेगी. जांच के क्रम में संबंधित लोगों से पूछताछ कर सकती है. इस मामले में कई भूमि माफियाओं के नाम भी उस समय सामने आया था. कुछ लोगों से पूछताछ किये जाने की बात एसएसपी ने अपनी जांच रिपोर्ट में लिखी थी. ऐसा माना जा रहा है, इन लोगों से भी सीबीआइ की टीम पूछताछ कर सकती है.
कोर्ट में जमा की एफआइआर
सीबीआइ टीम ने कोर्ट में नवरुणा मामले में दर्ज प्राथमिकी की कॉपी जमा कर दी है. बताया जाता है कि चार पन्ने की एफआइआर में पूरे मामले का जिक्र है. फिलहाल सीबीआइ जज मौसमी सिंह अवकाश पर है.
रिपोर्ट का खुलासा नहीं
दूसरी, बार सीआइडी ने भी कंकाल की समग्र जांच के लिए एफएसएल को नमूना भेजा था, हालांकि उस रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया गया था. यह भी बताया जाता है कि उस कंकाल का अवशेष को नगर पुलिस ने सुरक्षित रखा है. नगर निगम से जवाब मिलने के बाद सीबीआइ की टीम संबंधित सफाई कर्मी समेत अन्य लोगों से पूछताछ के बाद फिर से कंकाल का जांच करा सकती है.