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39 कॉलेजों में नहीं मिल रहीं 11 महिला क्रिकेट खिलाड़ी

मुजफ्फरपुर: आधी आबादी कही जानेवाली महिलाएं खेल में खुद को उपेक्षित महसूस कर रही हैं. यही कारण है कि बीआरए बिहार विवि के 39 कॉलेजाें को 11 महिला खिलाड़ी नहीं मिल सकीं. इन्हें बढ़ावा देने के लिए न तो विवि आगे आ रहा है और न ही खेल संगठन. इस कारण जिले में महिला खिलाड़ियों […]

मुजफ्फरपुर: आधी आबादी कही जानेवाली महिलाएं खेल में खुद को उपेक्षित महसूस कर रही हैं. यही कारण है कि बीआरए बिहार विवि के 39 कॉलेजाें को 11 महिला खिलाड़ी नहीं मिल सकीं. इन्हें बढ़ावा देने के लिए न तो विवि आगे आ रहा है और न ही खेल संगठन. इस कारण जिले में महिला खिलाड़ियों की प्रतिभा दम तोड़ती नजर आ रही है. विवि में हजारों की संख्या में छात्राएं उच्च शिक्षा से जुड़ी हैं.
दो साल पहले हुआ था ट्रायल : दो साल पहले विवि ने 14 महिला क्रिकेट खिलाड़ियों का ट्रायल महिला कॉलेज माेतिहारी में कराया था, लेकिन ट्रायल के बाद छात्राओं को मैच खेलने का मौका नहीं मिला. इस वजह से उनका हौसला टूट गया और टीम भी बिखर गयी. हालांकि खो-खो, बैडमिंटन, दौड़ जैसे खेलों में कुछ महिला खिलाड़ी आगे आयी हैं. वे अपनी प्रतिभा के बल पर विवि का नाम रोशन कर रही हैं. लेकिन क्रिकेट के प्रति उदासीनता ऐसी है कि विवि में पिछले 20 सालों का आंकड़ा देखा जाये, तो टीम ही नहीं बन सकी.
विवि में हैं छह महिला कॉलेज : बीआरए बिहार विवि में छह ऐसे कॉलेज हैं, जहां पर केवल छात्राएं ही पढ़ती हैं. इसके अलावा अन्य 33 कॉलेजाें में भी हजारों की संख्या में छात्राएं हैं. इसके बावजूद विवि 11 महिला खिलाड़ी नहीं ढूंढ़ पा रहा है. इससे महिला क्रिकेट टीम नहीं बन पा रही है.
खेल सीनेटर बोले, जागरूकता की कमी : खेल सीनेटर डॉ दिलमोहन झा बताते हैं कि महिला क्रिकेट टीम बनाने का प्रयास दो साल पहले हुआ था, लेकिन वह सफल नहीं हो सका. इसको लेकर जागरूकता की कमी है. इसी वजह से महिला क्रिकेट टीम बन नहीं पा रही है.

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